अब दिल्ली के डलहौजी रोड का नाम होगा 'दारा शिकोह रोड', NDMC ने लगाई मुहर
भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी की राय थी कि दारा शिकोह कला मर्मज्ञ थे और उन्होंने अपनी आखिरी सांस दिल्ली में ली। ऐसे में डलहौज़ी रोड का नाम बदलकर दारा शिकोह रोड किया जाए।
नई दिल्ली (जेएनएन)। अब दिल्ली के डलहौज़ी रोड को दारा शिकोह रोड के नाम से जाना जाएगा। यह जानकारी नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (NDMC) के चेयरमैन नरेश कुमार ने यह जानकारी समाचार एजेंसी एएनआइ को दी।
नई दिल्ली के साउथ ब्लॉक इलाके में एनडीएमसी के अंतर्गत पड़ने वाली इस सड़क का नाम बदलने के लिए सोमवार सुबह एनडीएमसी में एक बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में डलहौज़ी रोड का नाम दारा शिकोह रोड करने का फैसला लिया गया है।
गौरतलब है कि नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र की भाजपा सांसद और एनडीएमसी सदस्य मीनाक्षी लेखी ने पिछले दिनों यह प्रस्ताव रखा था कि डलहौज़ी रोड का नाम बदलकर दारा शिकोह रोड किया जाए।
मीनाक्षी लेखी ने नाम बदले जाने के पीछे यह दलील दी थी कि मुगल बादशाह शाहजहां के सबसे बड़े बेटे दारा शिकोह ने तत्कालीन समाज को हिंद-मुस्लिम एकता और भाईचारे को बढ़ावा दिया था।
सांसद मीनाक्षी की राय थी कि दारा शिकोह कला और संगीत के बड़े जानकार थे और उन्होंने अपनी आखिरी सांस दिल्ली में ली। ऐसे में डलहौज़ी रोड का नाम बदलकर दारा शिकोह रोड किया जाए।
वहीं, आम आदमी पार्टी के दिल्ली कैंट के विधायक और NDMC सदस्य कमांडो सुरेंद्र सिंह ने इसका विरोध किया था। सुरेंद्र सिंह के मुताबिक, दिल्ली में जाटों कि आबादी काफी अधिक है और चारों तरफ से हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश है जहां जाटों कि आबादी काफी अधिक है। ऐसे में उनकी भावनाओं को मद्देनजर रखते हुए एनडीएमसी रोड का नाम बदलना ही है तो महाराजा सूरजमल रखा जाना चाहिए।
इससे पहले भी अभी कुछ महीने पहले पीएम निवास वाली सड़क का नाम रेस कोर्स रोड से बदलकर लोक कल्याण मार्ग रख दिया गया था और साल 2015 में औरंज़ेब रोड का नाम बदलकर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मार्ग किया गया था। इन दोनों सड़कों के नाम बदले जाने पर जमकर राजनीति भी हुई थी।