Delhi Unlock Risk : आखिर कैसे तेजी से अनलॉक हो रही दिल्ली में भी है तीसरी लहर का खतरा?
Delhi Unlock Risk देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण भले ही काबू में है लेकिन अनलॉक की रफ्तार बढ़ने के साथ ही कोरोना का खतरा भी बढ़ रहा है। ऐसे में अनलॉक के तहत नियमों में छूट देने पर विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है।
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर में अब कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर का खतरा गहरा गया है। दरअसल, देश में 10 फीसद से अधिक संक्रमण दर वाले जिलों की संख्या में इजाफा हुआ है। इस बीच देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण भले ही काबू में है, लेकिन अनलॉक की रफ्तार बढ़ने के साथ ही कोरोना का खतरा भी बढ़ रहा है। ऐसे में अनलॉक के तहत नियमों में छूट देने पर विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है। यह सलाह इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) के विज्ञानियों ने दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) को दी है। इसी वजह से मेट्रो में खड़े होकर सफर करने या धार्मिक स्थलों को श्रद्धालुओं के लिए खोले जाने सहित अन्य मामलों में छूट फिलहाल देने से परहेज किया जा रहा है।
उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुई डीडीएमए की वर्चुवल बैठक हुई थी। इसमें इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के विज्ञानी डॉ. समीरन पांडा ने सुझाव दिया कि यदि सभी सुरक्षात्मक नियमों का पालन किया जाता रहा तो कोरोना की तीसरी लहर ज्यादा खतरनाक नहीं होगी। उन्होंने कहा कि कोविड की तीसरी लहर की संभावना जरूर है, लेकिन कोई नया स्ट्रेन आता है तभी वह ज्यादा प्रभावित करेगा। अन्यथा दूसरी लहर की तुलना में कोरोना की तीसरी लहर ज्यादा खतरनाक नहीं होगी। इससे बचने के लिए सुरक्षात्मक नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है।
डॉ. समीरन पांडा ने कोरोना की भविष्य की स्थिति को लेकर प्रजेंटशन भी दिया है। उनके अनुसार कोरोना के डेल्टा प्लस स्ट्रेन से सभी राज्य प्रभावित नहीं हो सकते हैं, लेकिन कुछ राज्यों के लोग इस स्ट्रेन से ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। तीसरी लहर कितनी खतरनाक हो सकती है यह नए स्ट्रेन पर निर्भर करेगा। बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन करने से तीसरी लहर के असर को कम किया जाना संभव है। वैक्सीनेशन से सुरक्षा संभव है।
नीति आयोग के सदस्य डा वी के पाल ने इस बैठक के माध्यम से दिल्ली सरकार को चेताया है कि ज्यादा अनलाक करने से कोरोना तेजी से बढ़ सकता है। हालांकि, अभी स्थिति नियंत्रण में है। अगले तीन महीने बेहद संवेदनशील हैं। इसलिए सतर्क रहने के साथ ही निजी अस्पतालों में वैक्सीनेशन बढ़ाना होगा। राजधानी दिल्ली में वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ानी होगी व कंटेनमेंट जोन की प्रक्रिया को सख्ती से लागू करना होगा।