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दिल्‍ली का यह इलाका जहां 12वीं के बाद लड़कियां नहीं जा पाती हैं कॉलेज, जानें कारण

वेलकम इलाके में महिला कॉलेज बनाने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में मुस्लिम छात्राओं ने उत्तरी-पूर्वी दिल्ली के सांसद व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के खिलाफ पैदल मार्च निकाला।

By Edited By: Published: Sun, 16 Dec 2018 10:16 PM (IST)Updated: Mon, 17 Dec 2018 03:41 PM (IST)
दिल्‍ली का यह इलाका जहां 12वीं के बाद लड़कियां नहीं जा पाती हैं कॉलेज, जानें कारण
दिल्‍ली का यह इलाका जहां 12वीं के बाद लड़कियां नहीं जा पाती हैं कॉलेज, जानें कारण

दिल्ली, जेएनएन। अगर आपसे कोई कहे कि देश की राजधानी दिल्‍ली में एक ऐसा इलाका है जहां लड़कियां 12वीं कक्षा पास होने के बाद स्‍कूल नहीं जाती हैं। हैरान हो गए है ना यह हम नहीं बल्‍कि यहां रहने वाली कई महिलाओं को कहना है। इन महिलाओं में सांसद मनोज तिवारी के प्रति खासा रोष भी है। इसका नतीजा है कि वेलकम इलाके में महिला कॉलेज बनाने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में मुस्लिम छात्राओं ने उत्तरी-पूर्वी दिल्ली के सांसद व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के खिलाफ पैदल मार्च निकाला।

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महिला अधिकार के नाम से नारी शक्‍ति ने किया प्रदर्शन
यह मार्च शमां एजुकेशनल एंड पॉलीटेक्निक सोसायटी और जाफराबाद आरडब्ल्यूए के नेतृत्व में निकाला गया। इस मार्च को महिला अधिकार का नाम दिया गया, यह मार्च जाफराबाद रोड से शुरू हुआ और यमुना विहार के रास्ते होते हुए सांसद कैंप कार्यालय तक गया। सांसद की गैरमौजूदगी में आरडब्ल्यूए ने एक ज्ञापन शाहदरा उत्तरी जोन के चेयरमैन प्रमोद गुप्ता को सौंपा।

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ 
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ मार्च में मौजूद छात्राओं व अन्य लोगों ने अपने हाथों में बैनर-पोस्टर ले रखा था, जिसपर लिखा था बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ। संस्था के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. फीहीम बेग ने कहा कि एक वर्ष पहले सांसद मनोज तिवारी क्षेत्र में आए थे और उन्होंने जनता से वादा था कि वह वेलकम इलाके में एक महिला कॉलेज का निर्माण करवाएंगे।

लड़कियां 12वीं की पढ़ाई के बाद छोड़ देती हैं पढ़ाई
बेग ने कहा प्रति वर्ष इस क्षेत्र की करीब ढाई हजार बेटियां 12वीं कक्षा के बाद आगे की पढ़ाई छोड़ देती हैं, इसलिए इलाके में एक महिला कॉलेज बनना चाहिए। छात्रा शिफा मिर्जा ने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देना किसी भी सरकार के लिए बहुत आसान है, लेकिन सरकार के प्रतिनिधि बेटियों के पढ़ाने के वादे को कितनी शिद्दत से निभाते हैं इसका अंदाजा बेटियां ही लगा सकती हैं।

सरकार के अल्‍पसंख्‍यक फंड से बने कॉलेज
छात्रा ने कहा कि केंद्र सरकार उत्तरी-पूर्वी जिले को 23 करोड़ रुपये का फंड प्रत्येक वर्ष अल्पसंख्यकों के विकास के लिए देती है, उसी फंड से वेलकम इलाके में कॉलेज बनना है, लेकिन जिस तरह से फंड आता है उसी तरह से सरकार को वापस चला जाता है।

शिक्षा के क्षेत्र में खर्च हो पैसा
शाहिद चंगेजी ने कहा इस वर्ष केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय ने हज की सब्सिडी वापस लेकर उसे अल्पसंख्यक बेटियों के शिक्षा और विकास के लिए खर्च करने का वादा किया था, उस पैसा का क्या हुआ। सरकार उस पैसे से इस अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र में महिला कॉलेज तक नहीं बनवा सकती? इस मौके पर इकबाल अंसारी, जाहिद ताज, डॉ. कामरान, सादिक अली, नासिर हुसैन, अबु कमर, जावेद रहमानी, शाकिर रंगरेज, मौजूद रहे।


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