Mukesh Ambani Case: तिहाड़ में इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी से बरामद हुआ मोबाइल और सिम कार्ड, अभी खुलेंगे कई और राज
Mukesh Ambani Case दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने तिहाड़ जेल संख्या आठ में बंद इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी तहसीन अख्तर के सेल से एक मोबाइल फोन और सिमकार्ड बरामद किया है। इसी मोबाइल फोन से टेलीग्राम पर जैश उल हिंद के नाम से अकाउंट बनाया गया था।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। Mukesh Ambani Case: उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित आवास के बाहर खड़ी कार में विस्फोटक मिलने के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने तिहाड़ जेल संख्या आठ में बंद इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी तहसीन अख्तर के सेल से एक मोबाइल फोन और सिमकार्ड बरामद किया है। इसी मोबाइल फोन से टेलीग्राम पर जैश उल हिंद के नाम से अकाउंट बनाया गया था। इस अकाउंट के जरिए ही जैश उल हिंद ने लावारिस कार में विस्फोटक के संबंध में जिम्मेवारी ली थी।
इस मामले का तार तिहाड़ से जुड़ने और आतंकी गठजोड़ सामने आने पर पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने जांच तेज कर दी है। पुलिस जांच में एक और फोन नंबर का पता चला है। फिलहाल मोबाइल फोन जब्त कर पुलिस हर कोण से मामले की छानबीन कर रही है। स्पेशल सेल सूत्रों के मुताबिक मुंबई पुलिस ने मुकेश अंबानी के घर के बाहर कार में मिले विस्फोटक के मामले में फोन की लोकेशन इत्यादि की जांच एक निजी साइबर एजेंसी को सौंपी थी। जिसमें टेलीग्राम चैनल के माध्यम से तिहाड़ से भेजे गए संदेश द्वारा विस्फोटक मामले की जिम्मेवारी लिए जाने की बात सामने आई थी।
साइबर एजेंसी की रिपोर्ट को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के साझा किया गया था। इसके बाद स्पेशल सेल की टीम ने बृहस्पतिवार की रात तिहाड़ जेल में छापेमारी की। यह कार्रवाई करीब तीन घंटे चली और छापेमारी में जेल संख्या-8 में बंद इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी तहसीन अख्तर के सेल से एक मोबाइल फोन और सिम कार्ड बरामद किया गया।
छानबीन में पता चला कि इसी फोन से संदेश भेजने के लिए गत 26 फरवरी को वर्चुअल नंबर द्वारा टेलीग्राम चैनल बनाया गया था। इसके लिए डार्क बेव सटीओआर नेटवर्क का प्रयोग किया गया था। बाद में विस्फोटक संबंधी पोस्ट तैयार कर उसे टेलीग्राम के जरिये भेजा गया था। यह नंबर पूर्वी दिल्ली के निवासी जयदीप लोधिया के दस्तावेज पर लिया गया है।
गत वर्ष जुलाई महीने में यह नंबर चालू किया गया था। वहीं, जांच के दौरान पुलिस को अन्य मोबाइल नंबर का भी पता चला। फिलहाल वह नंबर स्वीच आफ आ रहा है। दूसरा नंबर गत सितंबर महीने में चालू कराया गया था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक दोनों मोबाइल नंबर फर्जी दस्तावेज के आधार पर खरीदे गए थे।