जानें- क्यों जैन मुनि नयन सागर के खिलाफ नहीं थम रहा गुस्सा, सजा देने की मांग हुई तेज
चंडीगढ़ में चातुर्मास कर रहे मुनि नयन सागर के खिलाफ आंदोलन तेज करने का फैसला किया गया है। बैठक में तय हुआ कि 11 सितंबर से चंडीगढ़ के सेक्टर 27 स्थित जैन मंदिर में धरना दिया जाएगा।
नई दिल्ली (जेएनएन)। जैन मुनि नयन सागर को लेकर जैन समाज में गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले में यमुनापार जैन समाज के नेतृत्व में गठित दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 91 मंदिरों की संयुक्त संघर्ष समिति की एक बैठक सूरजमल विहार स्थित जैन मंदिर में हुई। इसमें नयन सागर को सजा देने की मांग की गई। चंडीगढ़ में चातुर्मास कर रहे मुनि नयन सागर के खिलाफ आंदोलन तेज करने का फैसला किया गया है। बैठक में तय हुआ कि 11 सितंबर से चंडीगढ़ के सेक्टर 27 स्थित जैन मंदिर में धरना दिया जाएगा।
वायरल हुआ था वीडियो
बता दें कि पिछले दिनों नयन सागर का एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें रात्रि के समय उनके कक्ष में एक युवती जाती हुई नजर आई थी। संयुक्त संघर्ष समित के अध्यक्ष पंकज जैन ने बताया कि आंदोलन का आगाज उत्तर प्रदेश के खतौली में महापंचायत से होगा। इसमें 11 सितंबर से चंडीगढ़ में शुरू होने वाले धरने का बिगुल फूंका जाएगा। धरने में दिल्ली-एनसीआर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा एवं पंजाब से भी लोग पहुंचेंगे। इस धरने से भी बात नहीं बनी तो अगले चरण में मंदिरों में सामूहिक उपवास रखा जाएगा।
समिति का निर्णय सर्वमान्य होगा
जैन ने बताया कि आठ अगस्त को यमुनापार एवं एनसीआर के 91 मंदिरों, खतौली एवं मेरठ के प्रतिनिधि चंडीगढ़ में जैन मुनि नयन सागर प्रकरण में वहां के समाज एवं महाराज से बात करने के लिए गए थे। चंडीगढ़ में दिगंबर जैन मंदिर में प्रशासन की मौजूदगी में दोनों पक्षों एवं नयन सागर की सहमति से एक 15 सदस्यीय समिति का गठन किया गया था। उस दिन यह तय हुआ था समिति का निर्णय सर्वमान्य होगा।
जैन समाज में भारी रोष
संयुक्त संघर्ष समित के अध्यक्ष पंकज जैन ने कहा कि नयन सागर ने चंडीगढ़ प्रशासन के समक्ष कहा था कि समिति जो भी फैसला करेगी, वह उन्हें स्वीकार होगा लेकिन कई बैठकों के बाद भी समिति ने कोई फैसला नहीं दिया। इससे जैन समाज में भारी रोष है। चंडीगढ़ मंदिर समिति द्वारा अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने एवं नयन सागर द्वारा हठधर्मिता अपनाने के कारण हमें आंदोलन का रास्ता अपनाने के लिये मजबूर होना पड़ रहा है।