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Coronavirus: कोरोना काल में शिशु को ताकतवर और बीमारियों से बचाने के लिए जरूरी है मां का दूध

मां का दूध बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को हर हाल में बेहतर बनाएगा। यह कहना है आयुर्वेदिक पंचकर्मा अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक व आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉक्टर आर पी पाराशर का।

By Prateek KumarEdited By: Published: Mon, 10 Aug 2020 02:26 PM (IST)Updated: Mon, 10 Aug 2020 02:48 PM (IST)
Coronavirus: कोरोना काल में शिशु को ताकतवर और बीमारियों से बचाने के लिए जरूरी है मां का दूध
Coronavirus: कोरोना काल में शिशु को ताकतवर और बीमारियों से बचाने के लिए जरूरी है मां का दूध

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोराना से जंग में शिशुओं के लिए मां के दूध से बेहतर और कुछ भी नहीं है। मौजूदा वक्त में यह अधिक प्रासंगिक है, क्योंकि मां का दूध बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को हर हाल में बेहतर बनाएगा। आयुर्वेदिक पंचकर्मा अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक व आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉक्टर आर पी पाराशर ने यह संदेश ब्रेस्टफीडिंग वीक के समापन के अवसर पर स्तनपान कराने वाली महिलाओं के नाम जारी किया।

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बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण

डॉक्टर पाराशर ने बताया कि मां का दूध बच्चे के लिए अमृत के समान होता है। यह न केवल बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है, बल्कि इसमें बहुत सारे ऐसे तत्व भी होते हैं, जिनसे बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और विभिन्न रोगों से बच्चे का बचाव होता है। मां के दूध में ऐसे 20 एंजाइम होते हैं, जो रोगों से शिशु को दूर रखता है। इसमें मौजूद लैक्टिफेरिन नामक तत्व भी होता है, जो कैंसर से बचाव में सहायक होता है।

दूध में होते हैं कई महत्वपूर्ण तत्व

विटामिन ए, सी, डी, के और ई के अलावा मां के दूध में इन्सुलिन ग्रोथ फैक्टर, इपीडर्मल ग्रोथ फैक्टर व ट्रांसफॉर्मिग ग्रोथ फैक्टर नामक तत्व भी उपस्थित होते हैं, जिनके कारण मधुमेह, खांसी-जुकाम, अस्थमा, एग्जिमा व मानसिक रोगों के होने का खतरा काफी कम हो जाता है। हालांकि प्रसूता में दूध की कमी और दूध के दूषित होने के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, जो चिकित्सकों के लिए चिंता का विषय है।

कोरोना काल में रखना होगा विशेष ध्यान

मोटापा, बड़ी उम्र में बच्चा पैदा होने और सिजेरियन ऑपरेशन से बच्चे होने के अलावा क्रोध, चिंता, शोक, डिप्रेशन, अवसाद, तनाव आदि मानसिक कारणों से भी प्रसूता में दूध उत्पन्न नहीं होता है या बहुत कम मात्रा में होता है। इसलिए कोरोना काल में महिलाओं को प्रसव के दौरान अपने खानपान का विशेष ध्यान रखते हुए बच्चे को स्तनपान कराने के लिए प्रेरित होने की आवश्यकता है।

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