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Monsoon में बढ़ सकती है आपकी परेशानियां, मच्छर और प्रदूषित पानी से बीमारियों का खतरा

डॉ. विजय गुर्जर ने बताया कि बीते पांच माह से पूरा देश कोविड-19 से जूझ रहा है। अब मानसून के मौसम में मच्छरों और प्रदूषित पानी से होने वाली बीमारियां बन सकती है नई दिक्‍कतें...

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 22 Jul 2020 08:10 AM (IST)Updated: Wed, 22 Jul 2020 08:54 AM (IST)
Monsoon में बढ़ सकती है आपकी परेशानियां, मच्छर और प्रदूषित पानी से बीमारियों का खतरा
Monsoon में बढ़ सकती है आपकी परेशानियां, मच्छर और प्रदूषित पानी से बीमारियों का खतरा

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। कारोना संक्रमण तो फिलहाल खत्म होता दिख नहीं रहा है। हां, बारिश के चलते होने वाले अतिरिक्त संक्रमण जैसे डेंगू, डायरिया, हैजा, मलेरिया और चिकनगुनिया आदि बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है। ऐसे में हमें कोरोना संक्रमण के साथ ही मच्छरजनित व प्रदूषित पानी से होने वाली बीमारियों से बचाव करना है। बारिश के मौसम में होने वाली अधिसंख्य बीमारियों की वजह साफ-सफाई की अनदेखी करना है। जानें क्‍या कहते है नई दिल्ली Aiims के जेरियाट्रिक मेडिसिन के सहायक प्रोफेसर डॉ. विजय गुर्जर

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मानसून शुरू होने के साथ ही आद्र्रता और उमस तेजी से बढ़ने लगी है, जिससे कोरोना के बचाव के लिए लगाया जा रहा मास्क अधिक देर तक पहनना मुश्किल होता है। फिर भी र्सिजकल मास्क या तीन लेयर वाले कपड़े का मास्क पहनना ही सुरक्षा की दृष्टि से सही उपाय है। बारिश के कारण बीमारियों का संक्रमण तेज होता है, इसलिए हमें उन छोटी-छोटी आदतों के प्रति संवेदनशील रहना होगा, जो सेहत के लिए बड़ी समस्याएं खड़ी कर सकती हैं।

प्राय: लोग कुछ भी खाने से पहले हर बार हाथ धोने को उतनी गंभीरता से नहीं लेते थे। इसके अलावा बाहर का तला-भुना खाना खा लेते थे लेकिन संक्रमण के दौर में हमें ये आदतें बदलनी होंगी। पहले कुछ ऐसी स्टडीज आईं, जिनमें यह अनुमान लगाया गया कि गर्मी के मौसम में कोरोना वायरस कमजोर पड़ जाएगा लेकिन इस वायरस के बारे में जो भी अनुमान लगाया गया, वह किसी भी दृष्टिकोण से सही साबित नहीं हुआ। अब यह देखना होगा कि बारिश के मौसम में इस वायरस में किस तरह के परिवर्तन हो रहे हैं।

डेंगू व चिकनगुनिया बढ़ा सकते हैं परेशानी

ऐसा नहीं है कि कोरोना संक्रमण होने पर डेंगू व चिकनगुनिया की समस्या नहीं होगी या फिर डेंगू, चिकनगुनिया होने पर कोरोना संक्रमण नहीं होगा। ये अलग-अलग वायरस हैं और इनके फैलने का माध्यम भी अलग है। डेंगू व चिकनगुनिया मच्छर के काटने से फैलते हैं, जबकि कोरोना संक्रमित व्यक्ति के खांसने व छींकने पर निकलने वाले ड्रॉपलेट से फैलता है। अब तो डब्ल्यूएचओ ने इस बीमारी का संक्रमण हवा में होने की बात भी स्वीकारी है। ऐसे में यह जरूरी नहीं है कि यदि कोरोना संक्रमण के कारण अस्पताल में कोई मरीज भर्ती है तो उसे डेंगू, चिकनगुनिया या मलेरिया नहीं होगा। इसलिए हमें इसके बचाव के लिए बनी हर गाइडलाइन का सख्ती से पालन करना होगा।

करानी होगी जांच

सिर्फ लक्षण के आधार पर बीमारियों की पहचान आसान नहीं है क्योंकि बदन दर्द कोरोना संक्रमण का भी लक्षण है और डेंगू का भी। लक्षणों में तो इतनी समानता देखी जा रही है कि सिर्फ देखकर यह कहना मुश्किल होता है कि संक्रमण कोरोना वायरस का है या किसी अन्य बीमारी का। कोरोना संक्रमितों में बुखार, खांसी, बदन दर्द, सिर दर्द के अलावा डायरिया, उल्टी सहित कई और तरह के लक्षण देखे जा रहे हैं। गला खराब होना भी कोरोना संक्रमण का लक्षण हो सकता है। ऐसे में संक्रमण का अंतिम फैसला जांच पर ही निर्भर करता है।

अलग हैं ये लक्षण

कुछ ऐसे लक्षण होते हैं, जो बीमारियों को पहचाने में मदद कर सकते हैं। डेंगू में तेज बुखार के साथ शरीर पर लाल धब्बे बन जाते हैं। शरीर पर इस तरह के लाल धब्बे कोरोना संक्रमण में नहीं बनते। इसी तरह मलेरिया में तेज सर्दी लगकर (कंपकंपी के साथ) बुखार आता है। कोरोना संक्रमण में यह लक्षण इतना सामान्य नहीं है।

बुजुर्गों के प्रति रहें सतर्क

बुजुर्गों को कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक है क्योंकि इस अवस्था में ब्लड प्रेशर, दिल, किडनी सहित कई तरह की बीमारियों से ग्रसित होना सामान्य बात है। ऐसे में हर बीमारी का संक्रमण इनके लिए खतरे की संभावना को बढ़ाता है। जरूरी है कि बुजुर्गों के खानपान के साथ ही उनकी स्वच्छता के प्रति विशेष ध्यान दें। इस मौसम में घर से बेवजह बाहर न निकलने दें।

उबालकर ही पिएं पानी

 पीलिया, टायफाइड व हैजा जैसी बीमारियों का संक्रमण दूषित पानी की वजह से होता है। इनसे बचने का उपाय स्वच्छता ही है। कोरोना से बचाव के लिए लोग गुनगुना पानी पी रहे हैं। यदि गुनगुना पानी नहीं पी सकते तो पीलिया, टायफाइड व हैजा जैसी बीमारियों से बचाव के लिए पानी को उबालकर ठंडा कर लें और फिर इस्तेमाल करें।

बुखार हो तो जांच कराना जरूरी

बुखार होने पर कई बार लोग इसे हल्के में ले लेते हैं और नजरअंदाज कर देते हैं। मौजूदा दौर में यदि बुखार हो तो उसे बिल्कुल नजरअंदाज न करें। डॉक्टर को दिखाकर जांच जरूर करानी चाहिए। इससे बीमारी जल्दी पकड़ में आएगी और सही इलाज हो सकेगा।

कूलर व गमलों की सफाई

डेंगू का मच्छर साफ पानी में फैलता है इसलिए साफ-सफाई का ध्यान रखें। कूलर, गमले या छत में रखे खाली डिब्बे आदि में बारिश का पानी न रुकने दें। कूलर और गमलों की सफाई पर विशेष ध्यान दें, जिससे मच्छर न पनप पाएं। इसके अलावा घर के आस-पास बारिश का पानी जमा न होने दें। इससे डेंगू व चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से काफी हद तक बचाव हो सकेगा।

तो रहेंगे हर तरफ से सुरक्षित

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए हाथों को बार-बार साबुन से धोते रहें। इसके अलावा शारीरिक दूरी व मास्क पहनने के नियम का पालन करें। घर का बना ताजा खाना खाएं। यदि इन सब बातों का ध्यान रखा जाए तो कोरोना संक्रमण के साथ-साथ बरसात में होने वाली बीमारियों से बहुत हद तक बचा जा सकता है।


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