200 से अधिक लेखकों ने की बिहार के मतदाताओं से विभाजनकारी शक्तियों को मुंहतोड़ जवाब देने की अपील
Bihar Assembly Election 2020 देशभर के साहित्यकारों के प्रमुख भारतीय साहित्यकार संगठन से जुड़े 216 साहित्यकारों ने यह अपील की है। इसमे कहा गया है चुनाव लोकतंत्र का उत्सव है। लोकतंत्र और संविधान के समक्ष जातिवाद वंशवाद भ्रष्टाचार और गुंडाराज से भयानक खतरा उपस्थित है।
नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। Bihar Assembly Election 2020: साहित्यकार समाज का महत्वपूर्ण अंग होते हैं, समाज में सुधार और बदलाव की आहट होते हैं, वह सम सामायिक घटनाओं पर बारीक से नजर रखते हैं और समय समय पर समाज और सरकारों को आगाह भी करते रहते हैं। ऐसे में जबकि देश की सियासत का भविष्य तय करने वाला महत्वपूर्ण बिहार विधानसभा चुनाव में मतदान चल रहा है, तब भी अपनी जिम्मेदारी समझते हुए साहित्यकार सामने आए हैं और मतदाताओं से सजगता से मतदान की अपील की है।
200 से अधिक साहित्यकारों ने मतदाताओं के नाम खुला पत्र जारी किया है और लोकतंत्र के इस पर्व पर सजगता से मतदान की अपील की है। देशभर के साहित्यकारों के प्रमुख भारतीय साहित्यकार संगठन से जुड़े 216 साहित्यकारों ने यह अपील की है। इसमे कहा गया है, चुनाव लोकतंत्र का उत्सव है। लोकतंत्र और संविधान के समक्ष जातिवाद, वंशवाद, भ्रष्टाचार और गुंडाराज से भयानक खतरा उपस्थित है। समाज में विभाजनकारी शक्तियाँ सक्रिय हैं। ऐसी शक्तियों को मुंहतोड़ जवाब देने की आवश्यकता है।
लोकतंत्र की शक्ति जनता पर ही निर्भर करती है। उस शक्ति से डरकर जनता को जाति, पंथ तथा वंश आदि के नाम पर डरा और लुभाकर तुष्टीकरण की गंदी राजनीति से जनता को छलने का खेल बहुत दिनों तक ऐसी शक्तियां खेलती रही हैं। यह काम छद्म धर्मनिरपेक्षता के नाम पर होता रहा है। लोकतंत्र किसी एक परिवार या समुदाय-विशेष की संपत्ति नहीं है। यह संपूर्ण जनता के सर्वांगीण विकास की प्रक्रिया है। गरीबों और कमजोरों को सहारा देने, उन्हें नारायण मानकर उनको सशक्त बनाने का नाम है। यह प्रक्रिया भ्रष्टाचार और अपराध के तंत्र से बाधित हो जाती है। बिहार में इसका एक लंबा काला इतिहास रहा है.
हम सभी साहित्यकार बिहार के मतदाताओं से अपील करते हैं कि समरसतापूर्ण और वैभवशाली बिहार के पुनः निर्माण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने तथा सुशासन और विकास की गतिविधियों को ध्यान में रखकर मतदान करें तथा एक जागरूक नागरिक के रूप में अपना योगदान सुनिश्चित करें।
इस अपील का समर्थन करनेवाले देशभर के महत्त्वपूर्ण साहित्यकारों में - डॉ. नरेंद्र कोहली, दिल्ली, डॉ. कमल किशोर गोयनका, दिल्ली, डॉ. देवेंद्र दीपक, भोपाल, श्री दयाप्रकाश सिन्हा (पद्मश्री), नोएडा, प्रो. सूर्यप्रसाद दीक्षित, लखनऊ, आचार्य निशांतकेतु, गुरुग्राम, डॉ. श्याम सिंह शशि, दिल्ली, प्रो. भुवनेश्वर प्रसाद गुरुमैता, सुपौल, प्रो. अमरनाथ सिन्हा, पटना, डॉ. सीतेश आलोक, दिल्ली, डॉ. सूर्यकांत बाली, दिल्ली, श्री महेशचंद्र शर्मा, दिल्ली व श्री मथुरेशनंदन कुलश्रेष्ठ, जयपुर हैं। इस तरह कुल 216 साहित्यकार ने बिहार चुनाव में सजगता से मतदान की अपील की है।
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