दिल्ली में आर्य कन्या गुरूकुल की 15 से ज्यादा छात्राएं कोरोना पॉजिटिव, अभिभावकों ने लगाया गंभीर आरोप
अभिभावकों का आरोप है कि उन्हें फोन करके यह नहीं बताया गया कि उनके बच्चों की रिपोर्ट पाजिटिव आई है। सिर्फ इतना बताया गया कि कुछ बच्चों की रिपोर्ट पाजिटिव आई है। स्कूल को सैनिटाइज कराना है। इसलिए आप अपने बच्चे को घर ले जाएं।
नई दिल्ली [राहुल चौहान]। दिल्ली में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। सेंट स्टीफंस कालेज में 13 छात्र और दो कर्मचारियों के कोरोना पाजिटिव पाए जाने के बाद अब एक गुरूकुल के बच्चे भी कोरोना पाजिटिव पाए गए हैं। बच्चों के कोरोना पाजिटिव पाए जाने में गुरूकुल प्रंबधन की गंभीर लापरवाही सामने आई है। प्रबंधन ने कोरोना से बचाव के सरकार के नियमों का पालन नहीं किया।
दरअसल न्यू राजेंद्र नगर स्थित आर्य कन्या गुरूकुल की करीब 15 छात्राओं व स्कूल संचालन समिति की प्रधाना साध्वी उत्तमायति में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। फिलहाल गुरूकुल को आठ दिन के लिए बंद कर दिया गया है। स्कूल की एक शिक्षिका के मुताबिक स्कूल संचालन समिति की प्रधाना साध्वी उत्तमायति की तबीयत कई दिन तक खराब रहने के बाद उन्होंने दो अप्रैल को अपनी कोरोना जांच कराई। जिसकी जांच रिपोर्ट तीन अप्रैल को सुबह पाजिटिव आई। इसके बाद बावजूद स्कूल प्रबंधन ने बच्चों और शिक्षिकाओं को यह बात नहीं बताई। साथ ही शिक्षिकाओं और बच्चों से पढ़ाई जारी रखने को कहा। कई शिक्षिकाओं ने इसका विरोध किया तो उन्हें निकालने की धमकी दी गई।
शिक्षिका ने यह भी बताया कि मामले के तूल पकड़ने के बाद जब कोरोना जांच टीम अन्य बच्चों की जांच करने आई तो गुरूकल प्रबंधिका सरित शर्मा ने टीम को गुरूकुल के अंदर नहीं घुसने दिया। जिससे टीम वापस चली गई।
संक्रमित और गैर संक्रमित सभी बच्चों को भेजा घर
जब कई बच्चों की तबीयत बिगड़ी तो उन्हें पास के ही मोहल्ला क्लीनिक में दवाई लेने भेजा गया। वहां, 15 बच्चों की कोरोना जांच भी हुई, जिनमें से नौ बच्चों की कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आई। लेकिन यह बात भी बच्चों को नहीं बताई गई। साथ ही गुरूकुल प्रबंधन ने बच्चों को क्वारंटाइन भी नहीं किया। पाजिटिव पाए गए बच्चे भी अन्य सभी बच्चों के साथ उठते-बैठते और पढ़ते लिखते रहे। जब बच्चों की हालत ज्यादा बिगड़ी तब प्रबंधन ने बच्चों के अभिभावकों को फोन कर बच्चों को घर ले जाने के लिए बोला।
अभिभावकों का आरोप है कि उन्हें फोन करके यह नहीं बताया गया कि उनके बच्चों की रिपोर्ट पाजिटिव आई है। सिर्फ इतना बताया गया कि कुछ बच्चों की रिपोर्ट पाजिटिव आई है। स्कूल को सैनिटाइज कराना है। इसलिए आप अपने बच्चे को घर ले जाएं। अभिभावकों का यह भी आरोप है कि बच्चों ने उन्हें बताया है कि स्कूल प्रबंधन के लोग बच्चों से अपने निजी कार्य व गुरूकुल में खाना बनाने, साफ सफाई और कपड़े भी धुलवाते हैं। शाम तक अभिभावकों से हुई बातचीत के मुताबिक नौ बच्चों के अलावा अन्य छह बच्चों की भी जांच रिपोर्ट पाजिटिव आ चुकी है। वहीं, संक्रमित बच्चों की संख्या और बढ़ने की संभावना है।
गुरूकुल प्रबंधन के मुताबिक कक्षा तीन से 12वीं तक की कुल 130 छात्राएं गुरूकुल में रहकर पढ़ाई करती हैं। इनमें दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश व बिहार सहित अन्य राज्यों की भी छात्राएं शामिल हैं। नौ बच्चों की रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद सभी बच्चों को उनके घर भेज दिया गया है। गुरूकुल प्रबंधन समिति की सदस्य ऊषा सरीन ने कहा कि अभी गुरूकुल में एक बच्ची है, जिसे आइसोलेशन में रखा गया है। उसे अभी कोई लक्षण नहीं हैं। गुरूकुल को आठ दिन के लिए बंद कर दिया है। साथ ही सैनिटाइज भी करा दिया गया है।
अभिभावकों ने लगाए गंभीर लापरवाही के आरोप
अभिभावक कनक शर्मा का कहना है कि नौ बच्चों की रिपोर्ट पाजिटिव आने के बावजूद गुरूकुल प्रबंधन ने इन्हें क्वारंटाइन नहीं किया। दूसरे बच्चों को भी इनके साथ ही रहने दिया। जिससे मेरी बच्ची भी कोरोना पाजिटिव हो गई। घर लाने के बाद मैंने उसकी जांच कराई तो रिपोर्ट पाजिटिव आई है। इसके लिए गुरूकुल प्रबंधन जिम्मेदार है।
रंजीत आर्य ने बताया कि मेरी बहन आर्य कन्या गुरूकुल में कक्षा आठ में पढ़ती है। मुझे शनिवार शाम को फोन करके उसे घर ले जाने के लिए बोला गया।लेकिन यह नहीं बताया कि वह कोरोना पाजिटिव है। जब में रविवार को उसे दिल्ली से एटा घर लेकर आ गया तब मुझे बताया गया कि आपकी बहन कोरोना पाजिटिव है।जबकि उसकी रिपोर्ट पहले ही आ चुकी थी।