चौंकाने वाला मामला: खसरा में दर्ज है 19 बीघा भूमि, मौके पर मिली महज 6 बीघा; भूमाफिया का नाम आया सामने
Delhi News राजधानी दिल्ली में निरीक्षण के दौरान 12 बीघा भूमि मौके पर नहीं मिलने का मामला सामने आया है। वहीं राजस्व विभाग ने एनजीटी में दाखिल अपनी रिपोर्ट में बताया कि खसरा में वन भूमि 19 बीघा है जबकि मौके पर सिर्फ 6.12 बीघा ही भूमि मिली है। इस मामले में 10 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी। पढ़िए पूरा मामला क्या है?
विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली। दिल्ली में साकेत स्थित सदुलाजब वन भूमि की 12 बीघा से अधिक भूमि के मौके पर नहीं मिलने का मामला सामने आया है। राजस्व विभाग ने एनजीटी में दाखिल अपनी रिपोर्ट में कहा है कि खसरा में वन भूमि 19 बीघा दर्ज है, जबकि निरीक्षण के दौरान मौके पर महज 6.12 बीघा ही मौजूद है।
रिपोर्ट में कहा गया कि निरीक्षण के दौरान न सिर्फ यह क्षेत्र छोटा मिला है, बल्कि दक्षिण-पूर्व हिस्से से पेड़ों की कटाई की भी पुष्टि हुई है। यह भी कहा गया है कि पार्क कई जगह पर दीवारों से घिरा है, लेकिन कुछ जगह पर दीवारें क्षतिग्रस्त भी हैं।
वन भूमि का किया जा रहा दुरुपयोग
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि कुछ जगहों पर नया निर्माण पाया गया है, ऐसे में संभावना है कि नया निर्माण 19 बीघा के अंदर किया गया हो। राजस्व विभाग की उक्त रिपोर्ट देखते हुए एनजीटी चेयरमैन न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि याचिका में लगाए गए आरोप का समिति की रिपोर्ट समर्थन करते हैं और वन भूमि का दुरुपयोग किया जा रहा है।
एनजीटी ने इसके साथ ही मामले में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को मामले पर पक्षकार बनाते हुए छह सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी।
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सयुंक्त समिति ने निरीक्षण कर पेश की थी रिपोर्ट
करप्शन रिम्यूवल सोसाइटी ने याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि खसरा नंबर-209 वन भूमि है, लेकिन इस पर भू-माफिया ने कब्जा कर निर्माण किया है। इससे वन क्षेत्र बर्बाद हो रहा है। उक्त मामले में संयुक्त समिति का गठन कर एनजीटी ने 14 मई को रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। मौके का निरीक्षण कर संयुक्त समिति ने अपनी रिपोर्ट पेश की थी।