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सिर्फ 1 लैपटॉप व प्रिंटर से 2 शातिरों ने छाप डाले 1.20 करोड़ के नकली नोट

आरोपितों से पूछताछ की जा रही है कि वह नकली नोट बनाने में इस्तेमाल होने वाला पेपर कहां से लेकर आते थे और नकली नोटों को वे कहां से सप्लाई करते थे।

By Edited By: Published: Thu, 30 May 2019 09:46 PM (IST)Updated: Fri, 31 May 2019 05:41 PM (IST)
सिर्फ 1 लैपटॉप व प्रिंटर से 2 शातिरों ने छाप डाले 1.20 करोड़ के नकली नोट
सिर्फ 1 लैपटॉप व प्रिंटर से 2 शातिरों ने छाप डाले 1.20 करोड़ के नकली नोट

गुरुग्राम, जेएनएन। 1.20 करोड़ रुपये के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार दोनों आरोपितों से पूछताछ की गई तो पता चला कि आरोपित कासिम व वसीम लैपटॉप व प्रिंटर की मदद से नकली नोट छाप कर सप्लाई करते थे। आरोपित वसीम 12वीं पास करके क्रिकेट की प्रैक्टिस करता था। इसका पिता नूंह के गांव सिंगार के सरकारी स्कूल में ¨प्रसिपल है। इसका साथी आरोपित कासिम कम पढ़ा-लिखा है। वह बिजली का काम करता था और अब नकली नोट बनाने के धंधे में लग गया था।

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आरोपितों से पूछताछ की जा रही है कि वह नकली नोट बनाने में इस्तेमाल होने वाला पेपर कहां से लेकर आते थे और नकली नोटों को वे कहां से सप्लाई करते थे। अब तक वह कितने नोट बनाकर बेच चुके थे इस बारे गहनता से पूछताछ की जा रही हैं। दोनों आरोपितों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह आधे रेट में इन नकली नोटों को बेचते थे व पिछले लगभग छह माह से इस गोरखधंधे में लगे हुए थे। इनके गिरोह में कोई और भी सदस्य हैं इस बारे भी पूछताछ की जा रही है।

सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) को कुछ समय पहले सूचना मिली थी कि नूंह जिले के गांव सिगार से नकली नोट कई जगह पहुंचाए जाते हैं। सूचना के आधार पर नोट पहुंचाने वालों की रेकी शुरू की गई। पता चला कि दो लोग बैग में नकली नोट लेकर गुरुग्राम के सेक्टर-48 स्थित एक पेट्रोल पंप के नजदीक पहुंचने वाले हैं। जैसे ही दोनों पहुंचे उन्हें दबोच लिया गया। दोनों की पहचान नूंह जिले के गांव नई निवासी वसीम (20) एवं गांव ¨सगार निवासी कासिम (44) के रूप में की गई।

एनआइए की टीम दोनों को लेकर सदर थाना पहुंची। वहां पर नोटों की गिनती की गई। देर रात एनआइए ने दोनों आरोपितों को सदर थाना पुलिस के हवाले कर दिया। अब मामले की जांच न केवल सदर थाना पुलिस बल्कि क्राइम ब्रांच की कई टीमें भी करेंगी। एनआइए अपने स्तर पर जांच करेगी। सदर थाना प्रभारी दलबीर ¨सह ने बताया कि रिमांड के दौरान पूरे नेटवर्क के बारे में जानकारी हासिल की जाएगी। सबसे बड़ा सवाल यह है कि नकली नोटों की छपाई कहां होती है और कहां-कहां नोट पहुंचाए जाते हैं।

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