केंद्रीय मंत्री ने किया दावा, किसानों की कर्ज माफी में मोदी सरकार सबसे आगे
मनमोहन सरकार में 2009-14 तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर 9830.48 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। वहीं मोदी सरकार के पांच साल में यह आंकड़ा करीब तीन गुना बढ़कर 37474.78 करोड़ रुपये हो गया।
नोएडा [ललित विजय]। कर्जमाफी कर कांग्रेस ने भले ही राजनीतिक संजीवनी प्राप्त कर ली है और भाजपा को किसान विरोधी बताने में जुटी है, लेकिन आंकड़े कुछ और सच्चाई बयां कर रहे हैं। केंद्रीय कृषि मंत्रालय से सूचना के अधिकारी (आरटीआइ) के तहत प्राप्त आंकड़ें बताते हैं कि किसानों को लाभ पहुंचाने के मामले में नरेंद्र मोदी सरकार ज्यादा मेहरबान रही है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को मिलने वाले मुआवजे और सब्सिडी पर मनमोहन सिंह सरकार की तुलना में मोदी सरकार ने लगभग साढ़े तीन गुना ज्यादा खर्च किया है।
तीन गुना बढ़ा आंकड़ा
मनमोहन सिंह सरकार में 2009-14 तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर 9830.48 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। वहीं नरेंद्र मोदी सरकार के पांच साल में यह आंकड़ा करीब तीन गुना बढ़कर 37474.78 करोड़ रुपये हो गया। यह जानकारी नोएडा में रहने वाले समाजसेवी अमित गुप्ता को आरटीआइ के जवाब में केंद्रीय कृषि मंत्रालय से मिली है।
किसानों को बैंक से कर्ज पर मदद देने में आगे है मोदी सरकार
किसानों को बैंकों की तरफ से दिए जाने वाले कर्ज पर लगने वाले ब्याज पर सब्सिडी देने में भी मोदी सरकार आगे रही है। मनमोहन सरकार के 2009-14 तक के कार्यकाल में किसानों को कर्ज पर ब्याज में मिलने वाली सब्सिडी का फंड मोदी सरकार में लगभग तीन गुना बढ़ गया। मनमोहन सरकार के 2009-14 तक किसानों के कर्ज पर सब्सिडी देने में 20224.89 करोड़ रुपये खर्च किए गए। वहीं नरेंद्र मोदी सरकार ने पांच साल से कम समय में ही 59130.89 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। समय पर कर्ज अदा करने वालों को ज्यादा मदद दे रही मोदी सरकार किसानों को बैंक से 9 प्रतिशत ब्याज पर कर्ज मिलता है।
बढ़ गई सब्सिडी
इसमें केंद्र सरकार की तरफ से ब्याज पर किसानों को दो प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है। मोदी सरकार ने नई व्यवस्था कर दी है। अब समय पर कर्ज अदा करने वाले किसानों को तीन प्रतिशत की अतिरिक्त सब्सिडी दी जा रही है। अर्थात बैंक से कर्ज लेकर समय पर किस्त देने वाले किसानों को महज चार प्रतिशत के ब्याज पर ही बैंकों से लोन मिल रहा है। ब्याज की पांच प्रतिशत रकम केंद्र सरकार अदा कर रही है। इस व्यवस्था के कारण भी मोदी सरकार को किसान हित में ज्यादा रकम खर्च करने पड़ी।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर खर्च मनमोहन सरकार 2009-10 - 1539.1 करोड़ 2010-11 - 3135.85 करोड़ 2011-12 - 1054.33 करोड़ 2012-13 - 1549.68 करोड़ 2013-14 - 2551.52 करोड़
मोदी सरकार 2014-15 - 2598.35 करोड़ 2015-16 - 2982.47 करोड़ 2016-17 - 11054.63 करोड़ 2017-18 - 9419.79 करोड़ 2018-19 11419.54 करोड़
किसानों को बैंक से कर्ज पर ब्याज में सब्सिडी पर खर्च मनमोहन सरकार 2009-10 - 2011 करोड़ 2010-11 - 3531.19 करोड़ 2011-12 - 3282.70 करोड़ 2012-13 - 5400 करोड़ 2013-14 - 6000 करोड़
मोदी सरकार
2014-15 - 6000 करोड़ 2015-16 - 13000 करोड़ 2016-17 - 13397.17 करोड़ 2017-18 - 13045.72 करोड़ 31 दिसंबर 2018 तक - 13688 करोड़ राशि रुपयों में है।
मंत्री का पक्ष
कांग्रेस ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छतीसगढ़ में किसानों को धोखे में रखा। उन्हें सच्चाई नहीं बताई गई। अब यह साफ हो गया है कि नरेंद्र मोदी सरकार ही किसानों की असली हितैषी है। मोदी सरकार ने किसानों को आर्थिक मदद देने में दिल खोलकर खर्च किया है। अब कांग्रेस किसानों को गुमराह नहीं कर पाएगी।
डॉ महेश शर्मा, केंद्रीय मंत्री