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Delhi News: डलावघर बंद होने का विरोध करने पर विधायक का घेराव

अनिल बाजपेयी ने बताया कि कुछ दिन पहले सफाई कर्मचारियों सहित कुछ लोग उनके पास आए थे और डलावघर बंद होने का विरोध किया था। उन लोगों ने उनसे पत्र लिखने को कहा था। जनप्रतिनिधि होने की वजह उनकी समस्या भी मुझे सुननी थी।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 11:02 PM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 11:02 PM (IST)
Delhi News: डलावघर बंद होने का विरोध करने पर विधायक का घेराव
डलावघर बंद होने का विरोध करने पर विधायक का घेराव।

नई दिल्ली [पुष्पेंद्र कुमार]। कृष्णा नगर के सतनाम रोड पर 50 वर्ष पुराने डलावघर को निगम द्वारा तोड़े जाने का विरोध करने पर गांधीनगर के विधायक अनिल बाजपेयी के आवास पर मंगलवार को स्थानीय लोगों ने घेराव कर दिया। दरअसल अनिल बाजपेयी ने इसे बंद किए जाने के खिलाफ उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखा था। जबकि डलावघर हटने से यहां के रहने वाले लोगों को राहत मिली है।

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स्थानीय लोगों ने बताया कि यह डलावघर सड़क पर बना हुआ था। इसकी वजह से हमेशा जाम की स्थिति रहती थी। कूड़े की बदबू से आसपास रहने वाले लोग भी परेशान होते थे। इस डलावघर के हटने से बड़ी समस्या का निस्तारण हो गया। उनका कहना है कि यहां अब दूसरा डलावघर नहीं बनने दिया जाएगा।

इसी वजह से सभी लोग विधायक के आवास पर पहुंच गए। अनिल बाजपेयी ने बताया कि कुछ दिन पहले सफाई कर्मचारियों सहित कुछ लोग उनके पास आए थे और डलावघर बंद होने का विरोध किया था। उन लोगों ने उनसे पत्र लिखने को कहा था। जनप्रतिनिधि होने की वजह उनकी समस्या भी मुझे सुननी थी। इसलिए मैंने इस पर पत्र लिखा था। मंगलवार स्थानीय लोग मेरे पास आए थे। उन्हें डलावघर के बंद होने से कोई दिक्कत नहीं है तो मुझे भी एतराज नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि तोड़े जाने से पहले वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए थी।

इधर, कल्याणपुरी वार्ड के खिचड़ीपुर में मल अपशिष्ट प्रबंधन (फिकल स्लज) के लिए प्लांट लगेगा। इसका शिलान्यास मंगलवार को एक कार्यक्रम में किया गया। इसमें मुख्य रूप से नेता विपक्ष मनोज त्यागी, विधायक कुलदीप कुमार और पार्षद धीरेंद्र कुमार मौजूद रहे। मनोज त्यागी ने कहा कि शौचालय के पास इस प्लांट को लगाया जाएगा।

शौचालय से जो पानी निकलता है उसे साफ करके इस्तेमाल करने योग्य बनाया जाएगा। इसके साथ ही शौचालय से निकलने वाले अपशिष्ट से गैस बनाई जाएगी। प्लांट में वैज्ञानिक तरीके से अपशिष्ट का प्रबंधन होगा, इससे सफाई कर्मचारी बीमार नहीं होंगे।

प्लांट लगने से पहले सफाई कर्मचारियों को बदबू में काम करना पड़ता था। इससे सफाई व्यवस्था भी बेहतर होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि निगम की सत्ता वाली भाजपा सरकार ने गाजीपुर लैंडफिल साइट की ऊंचाई कम करने के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए हैं, लेकिन उसका कोई परिणाम नहीं निकला। नेताओं ने उस पैसे को अपनी जेबों में भरा है।


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