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वायु प्रदूषण से निपटने के लिए जन भागीदारी की जरूरत : पर्यावरण मंत्रालय

भीषण वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए नीति निर्माताओं नियामकों वैज्ञानिकों/अकादमिक विद्वानों और सबसे महत्वपूर्ण जनता के सामूहिक प्रयास की जरूरत है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 06 Nov 2019 10:12 PM (IST)Updated: Wed, 06 Nov 2019 10:12 PM (IST)
वायु प्रदूषण से निपटने के लिए जन भागीदारी की जरूरत : पर्यावरण मंत्रालय
वायु प्रदूषण से निपटने के लिए जन भागीदारी की जरूरत : पर्यावरण मंत्रालय

नई दिल्ली, प्रेट्र। पर्यावरण मंत्रालय की एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए जन भागीदारी समय की जरूरत है। पर्यावरण मंत्रालय में संयुक्त सचिव निधि खरे ने वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) और राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (एनईईआरआइ) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान कहा कि वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए सभी पक्षों के सामूहिक प्रयासों की जरूरत है।

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सामूहिक प्रयास की जरूरत

खरे ने कहा, 'सरकार ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए कई पहल की हैं। हालांकि, भीषण वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए नीति निर्माताओं, नियामकों, वैज्ञानिकों/अकादमिक विद्वानों और सबसे महत्वपूर्ण जनता के सामूहिक प्रयास की जरूरत है।'

दोपहर में खराब श्रेणी में रहा दिल्‍ली का एयर इंडेक्‍स
आंकड़ों के मुताबिक, बुधवार को दोपहर डेढ़ बजे दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 216 रहा जो 'खराब' श्रेणी में आता है। हालांकि कई इलाकों में प्रदूषण स्तर 'औसत' श्रेणी में रहा। दिल्ली-एनसीआर में पीएम-2.5 का स्तर गिरकर 107 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रह गया। पीएम 2.5 हवा में मौजूद सूक्ष्म कण हैं जिनका व्यास 2.5 माइक्रोन होता है और ये सांस के जरिए फेफड़ों और रक्त धमनियों में पहुंचकर स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालते हैं।

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