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Delhi: पहले दिन 59,442 बच्चों को लगी खसरा, रुबेला के टीके की तीसरी डोज, डेढ़ माह चलेगा अभियान

पहले दिन नौ माह से पांच वर्ष की उम्र तक के 59442 बच्चों को टीका दिया गया। निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह अभियान छह सप्ताह तक चलेगा। इस दौरान पांच वर्ष तक के करीब 10 लाख 76 बच्चों को एमआर टीके की तीसरी डोज दी जाएगी।

By Ranbijay Kumar SinghEdited By: Abhishek TiwariPublished: Tue, 07 Feb 2023 08:46 AM (IST)Updated: Tue, 07 Feb 2023 08:46 AM (IST)
Delhi: पहले दिन 59,442 बच्चों को लगी खसरा, रुबेला के टीके की तीसरी डोज, डेढ़ माह चलेगा अभियान
Delhi: पहले दिन 59,442 बच्चों को लगी खसरा, रुबेला के टीके की तीसरी डोज

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली सरकार के परिवार कल्याण निदेशालय ने खसरा व रुबेला की बीमारी को पूरी तरह खत्म करने के लिए सोमवार को एमआर (खसरा, रुबेला) टीके की तीसरी डोज देने का विशेष अभियान शुरू किया। इसके पहले दिन माता-पिता व अभिभावकों में बच्चों को यह टीका दिलाने के लिए उत्साह दिखा। यही वजह है कि पहले दिन नौ माह से पांच वर्ष की उम्र तक के 59,442 बच्चों को टीका दिया गया।

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10 लाख को दी जाएगी एमआर टीके की तीसरी डोज

निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह अभियान छह सप्ताह तक चलेगा। इस दौरान पांच वर्ष तक के करीब 10 लाख 76 बच्चों को एमआर टीके की तीसरी डोज दी जाएगी। रूटीन टीकाकरण अभियान के तहत बच्चों को खसरा व रुबेला से बचाव के लिए टीके की दो डोज पहले से दी जाती रही है।

इसके तहत नौ माह की उम्र में बच्चों को एमआर टीका और 15 माह की उम्र में एमएमआर (मीजल्स मंप्स रुबेला) टीका दिया जाता है। फिर भी दिल्ली में खसरा व रुबेला से कई बच्चे पीड़ित होते हैं। इसके मद्देनजर परिवार कल्याण निदेशालय ने खसरा व रुबेला से बचाव के लिए टीके की तीसरी डोज देने का अभियान शुरू किया है।

सामान्य तौर पर रुटीन टीकाकरण अभियान के तहत सरकारी टीकाकरण केंद्रों में प्रत्येक बुधवार व शुक्रवार को बच्चों को टीका लगाया जाता है। फिर भी सोमवार को खसरा व रुबेला के टीके की तीसरी डोज दिलाने के लिए बड़ी संख्या में लोग बच्चों को लेकर पहुंचे। इस वजह से 30,588 लड़के व 28,854 लड़कियों को टीका लगाया गया।

648 जगहों पर लगाए जाएंगे कैंप

361 स्थायी टीकाकरण केंद्रों पर यह टीका लगाया गया। जिसमें डिस्पेंसरियां व अस्पताल शामिल हैं। इसके अलावा 648 जगहों पर कैंप करके बच्चों को टीका लगाया गया। जिसमें ज्यादातर आंगनवाड़ी केंद्र शामिल हैं। निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि टीकाकरण से पहले विभिन्न कालोनियों में उद्घोषणा कराई गई थी। जगह-जगह पोस्टर बैनर लगाए थे। आशा वर्करों ने घरों में जाकर लोगों को इसकी जानकारी दी थी। इसके अलावा धार्मिक स्थलों से घोषणा कराई गई थी।


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