इस माह के आखिरी तक हो सकते हैं महापौर और उपमहापौर के चुनाव
18 मई को लॉकडाउन खुलने पर निगम महापौर चुनाव की अधिसूचना जारी कर देंगे जिसके बाद 31 से पूर्व चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। लॉकडाउन में भले ही दिल्ली के तीनों नगर निगमों के दफ्तर फिर से खुल गए हैं लेकिन, महापौर व उपमहापौर पद के लिए चुनाव इस माह के आखिर में ही होने की उम्मीद है। हालांकि, सबकुछ तय लॉकडाउन के ऊपर निर्भर करेगा। वर्तमान आदेशों के तहत तीसरे चरण का लॉकडाउन 17 मई तक निर्धारित है। ऐसे में अगर लॉकडाउन नहीं बढ़ता है तो 31 मई से पहले चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
दरअसल, निगम के महापौर व उपमहापौर पद के चुनाव के लिए नामांकन से दस दिन पूर्व निगम सचिव कार्यालय द्वारा अधिसूचना जारी की जाती है। संभवत: 18 मई को लॉकडाउन खुलने पर निगम इसकी अधिसूचना जारी कर देंगे जिसके बाद 31 से पूर्व चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
दक्षिणी नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि महापौर और उप महापौर पद के साथ स्थायी समिति के तीन सदस्यों के लिए चुनाव होना है। लॉकडाउन की वजह से पिछले माह यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई थी इसलिए अब इस प्रक्रिया को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। लेकिन, यह प्रक्रिया तब ही पूरी हो सकती है जब लॉकडाउन को न बढ़ाया जाए। अगर, लॉकडाउन बढ़ता है तो फिर चुनाव कराना मुश्किल हो जाएगा। लेकिन, जिस हिसाब से दफ्तर खोलने की सहूलियत दी गई है उससे लगता है कि 17 मई के बाद कुछ और रियायतें बढ़ेगी।
निगम के इतिहास में पहली बार हुआ है जब मार्च और अप्रैल में सदन की बैठक न हुई हो। जबकि, निगम के एक्ट के अनुसार हर माह में कम से कम एक बैठक होना अनिवार्य है। नहीं तो निगम को भंग करने का प्रावधान होता है। निगम भंग न इसके लिए नगर निगमों ने मार्च और अप्रैल में उपराज्यपाल अनिल बैजल से इसके लिए मंजूरी मांगी थी।
वहीं, अगर आपने संपत्तिकर जमा करने में कोई जानकारी छिपाई है तो लॉकडाउन खुलने के बाद जुर्माना भरना पड़ सकता है। लॉकडाउन में ढील के बाद खुले निगम के दफ्तरों में कार्य शुरू हो गया है। इसी बीच दक्षिणी निगम के संपत्तिकर विभाग ने गलत ढंग से संपत्तिकर जमा करने वालों की पहचान शुरू कर दी है।
निगम ने इसके लिए वर्ष 2019-20 में जमा किए गए संपत्तिकर के रिकॉर्ड का मिलान शुरू कर दिया है। नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक अगर, किसी ने संपत्तिकर जमा करने में कोई गलत जानकारी दी होगी या छिपाई होगी तो ऐसे संपत्तिकर दाताओं की पहचान की जा रही हैं।
लॉकडाउन के खुलने के बाद उनको नोटिस भेजकर जवाब मांगा जाएगा। अगर वह विभाग को संतुष्ट करने में नाकाम रहते हैं तो उनसे जुर्माना भी वसूला जाएगा। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019-20 में दक्षिणी निगम करीब 4.50 लाख संपत्तिकर दाताओं ने संपत्तिकर जमा किया था।