फार्म हाउस फायिरंग : 30 लोग बताएंगे उस 'रात' का सच, कैसे गई अर्चना की जान?
इनके बयानों से आरोपितों और जश्न में शामिल रहे मेहमानों के बयान का मिलान किया जाएगा, ताकि पूर्व विधायक के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाए जा सकें।
नई दिल्ली, जेेएनएन। दिल्ली के फतेहपुर बेरी फार्म हाउस मामले में पुलिस ने आरोपितों के बयानों का लिटमस टेस्ट शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में अब पुलिस फार्म हाउस में तैनात रहे 25-30 सुरक्षा गार्डों से एक-एक कर पूछताछ कर रही है। इनके बयानों से आरोपितों और जश्न में शामिल रहे मेहमानों के बयान का मिलान किया जाएगा, ताकि पूर्व विधायक के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाए जा सकें।
यहां बता दें कि फतेहपुर बेरी के मांडी गांव में जदयू के पूर्व विधायक राजू सिंह का फार्म हाउस है। यहां 31 दिसंबर की रात नववर्ष समारोह के दौरान हुई हर्ष फायरिंग में गोली लगने से आर्किटेक्ट अर्चना गुप्ता की मौत हो गई थी।
इस मामले में पूर्व विधायक राजू सिंह के खिलाफ हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है, जबकि उनकी पत्नी रेणू सिंह, छोटे भाई राजेश कुमार, चालक हरि सिंह और सहायक रामेंद्र सिंह को सबूत मिटाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
जांच के दौरान पुलिस ने म्यूजिक सिस्टम चलाने वालों से लेकर समारोह में शामिल रहे मेहमानों तक सभी से पूछताछ की है। इसमें कई लोगों के बयान अलग-अलग होने से पुलिस के सामने समस्या यह है कि आखिर कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ बोल रहा है।
सूत्रों के मुताबिक सच और झूठ का पता लगाने के लिए ही फार्म हाउस में घटना के दौरान तैनात रहे सभी 25-30 सुरक्षा गार्डों से पूछताछ की जा रही है। रौब गांठने के लिए तैनात थे गार्ड फार्म हाउस में बड़ी संख्या में निजी सिक्योरिटी गार्ड तैनात किए गए थे।
बताया जाता है कि मोहल्ले में रौब गांठने के लिए पूर्व विधायक के परिवार ने यह गार्ड तैनात किए थे। हालांकि, गोलीकांड के बाद से अब यहां एक भी गार्ड नजर नहीं आ रहा है। फार्म हाउस में अक्सर पार्टी, समारोह होते रहते थे, जिनके वाहनों व उनकी सुरक्षा का जिम्मा भी यही गार्ड संभालते थे।
राजेश ने बदलवाया था कार का सीटर
फार्म हाउस में हुई घटना के बाद पूर्व विधायक राजू सिंह के छोटे भाई राजेश सिंह ने मेहमानों के मोबाइल से वीडियो डिलीट किए थे। पुलिस का दावा है कि पूछताछ में उसने यह बात कुबूल की है। पुलिस के मुताबिक राजेश ने मेहमानों को धमकी देने के साथ ही उनसे कहा था कि जिन रिश्तेदारों को वीडियो भेजा है। उन्हें भी फोन करके वीडियो डिलीट करा दें। इसके अलावा जिस टोयटा इनोवा कार से अर्चना को अस्पताल ले जाया गया था। उसका सीट कवर भी उसी ने बदलवाया था, क्योंकि अर्चना के खून से वह लाल हो चुका था। यह कार संजीव सिंह की है। पुलिस को गुमराह कर रहा राजू : बरामद 800 कारतूस कहां से खरीदे गए, इसका अभी तक पुलिस को सीधा जवाब नहीं मिला है। राजू कभी कहता है कि कारतूस हरि सिंह ने अपने नाम से खरीदे थे, तो कभी कहता है कि उसने खुद कारतूस खरीदे। तर्क देता है कि नक्सलियों से खतरे के कारण बड़ी संख्या में उसने कारतूस खरीदे थे।