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Boycott Of Chinese Goods: दिल्ली-एनसीआर के बाजारों ने चीन को दिया बड़ा झटका

Boycott Of Chinese Goods मोदी सरकार की कई पाबंदियों और चीन निर्मित सामान पर आयात शुल्क बढ़ाए जाने के कारण सामान की कमी आई है। मसलन बैटरी आधारित खिलौनों का बाजार पूरी तरह चीन पर निर्भर रहता था लेकिन अब ऐसा नहीं है।

By Jp YadavEdited By: Published: Wed, 20 Oct 2021 11:05 AM (IST)Updated: Wed, 20 Oct 2021 11:05 AM (IST)
Boycott Of Chinese Goods: दिल्ली-एनसीआर के बाजारों ने चीन को दिया बड़ा झटका
Boycott Of Chinese Goods: दिल्ली-एनसीआर के बाजारों ने चीन को दिया बड़ा झटका

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के बाद इस त्योहारी सीजन में बाजारों में ग्राहकों को चीन निर्मित सामान की कमी खल रही है। चीन निर्मित सामान के प्रति ग्राहकों के आकर्षण के दो मुख्य कारण रहे हैं। पहला चीन निर्मित सामान में वैरायटी अधिक होती हैं। दूसरा ये भारतीय उत्पादों से सस्ता होता है। फिलहाल बाजारों में चीन निर्मित सामान की अधिकता नहीं है।

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इलेक्ट्रानिक्स सामान और उपकरण के अलावा मोबाइल फोन का बाजार तो पूरी तरह चीन निर्मित सामान से भरा रहता था, मगर इस बार बाजारों में इसकी चुनिंदा वैरायटी ही हैं। जो सामान उपलब्ध है, उसकी दर भी भारतीय उत्पादों के मुकाबले ज्यादा कम नहीं है।

दुकानदारों का कहना है कि मोदी सरकार की कई पाबंदियों और चीन निर्मित सामान पर आयात शुल्क बढ़ाए जाने के कारण सामान की कमी आई है। मसलन बैटरी आधारित खिलौनों का बाजार पूरी तरह चीन पर निर्भर रहता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है।

चीन से खिलौना आयात कर बेचने वाले डीलर मुनेश शर्मा का कहना है कि दिसंबर 2020 के बाद से चीन निर्मित खिलौने नहीं आए हैं। इसका एक कारण यह है कि खिलौनों पर आयात शुल्क 20 से सीधे 60 फीसद हो गया है। इस साल से खिलौनों पर भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) का प्रमाणपत्र लागू कर दिया गया है। चीन निर्मित बैटरी चलित खिलौनों पर बीआइएस का प्रमाणपत्र लेना छोटे डीलर के लिए आसान नहीं है।

आनलाइन खरीदारी से चुनौती

चीन निर्मित सामान की कमी के अलावा त्योहारी सीजन के दौरान भी बाजारों में दुकानदार आनलाइन खरीददारी की चुनौती से जूझ रहे हैं। विभिन्न कंपनियों के इलेक्ट्रानिक्स सामान के दिल्ली एनसीआर में डीलर राजेश अग्रवाल बताते हैं कि नवरात्र, दशहरा और दीपावली के पर्व के दौरान इलेक्ट्रानिक्स सामान की मांग काफी हद तक बढ़ जाती है। कोरोना वायरस के संकटकाल से निकल चुके भारतीय बाजारों में अभी इलेक्ट्रानिक्स सामान की मांग उस अनुपात में नहीं निकली है जिसमें दो साल पहले थी।

मार्केट से फीडबैक यह मिल रहा है कि इलेक्ट्रानिक्स सामान लोग आनलाइन खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं। राजेश मानते हैं कि आनलाइन खरीददारी में ग्राहक को फायदा रहता है क्योंकि आनलाइन बिक्री कर रही कंपनियां बड़ी मात्रा में सीधे निर्माता कंपनियों से सामान खरीदती हैं। इसमें उन्हें सामान पर छूट ज्यादा मिल जाती है। शो-रूम आनलाइन खरीददारी करने वालों के लिए विंडो-शापिंग करने के माध्यम जैसे हो गए हैं।

मोबाइल फोन बाजार में आ गया है सामान

दो माह पहले मोबाइल फोन बाजार भी चीन निर्मित सामान की कमी ङोल रहा था, मगर अब बाजार में पूरा माल है। मोबाइल में इस्तेमाल होने वाला चिपसेट भी भरपूर उपलब्ध है। दिल्ली की गफ्फार मार्केट से चीन निर्मित मोबाइल फोन का सामान दिल्ली समेत एनसीआर की मार्केट में सप्लाई होता है। यहां के दुकानदार सोनू अग्रवाल बताते हैं कि चीन से मोबाइल फोन की जो नई खेप आई है, उसके दाम एक हजार से दो हजार रुपये प्रति फोन महंगे हैं। अभी चीन निर्माता कंपनियों की तरफ से गफ्फार मार्केट के बड़े डीलरों को यह फीडबैक भी मिल रहा है कि चीन की कुछ मोबाइल कंपनियां भारत में उत्पादन के लिए निवेश करेंगी। 


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