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अपने ही स्वच्छ अभियान को ठेंगा दिखा रहा है निगम, नालियों में कूड़ा फेंकने को मजबूर लोग

स्थायी समिति की उपाध्यक्ष एवं भाजपा पार्षद तुलसी जोशी ने कहा कि सेवा बस्तियों में छोटे-छोटे रिक्शा के माध्यम से साफ-सफाई की जाती थी लेकिन निगम द्वारा वह रिक्शे हटाए जाने से अब लोग परेशान है। उन्होंने कहा कि जब यहां पर रिक्शे उपलब्ध कराए गए थे।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 05:12 PM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 05:12 PM (IST)
अपने ही स्वच्छ अभियान को ठेंगा दिखा रहा है निगम,  नालियों में कूड़ा फेंकने को मजबूर लोग
स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 को देखते हुए निगम ने गंदगी फैलाने को लेकर 150 से ज्यादा के खिलाफ कार्रवाई की है।

नई दिल्ली जागरण संवाददाता। स्वच्छ अभियान को निगम के अधिकारी ही ठेंगा दिखा रहे हैं। आलम यह है कि जिन बस्तियों में नागरिक गीला व सूखा कूड़ा अलग-अलग कर रहे थे अब वह लोग कूड़ा नाली में फेंकने के लिए मजबूर है। यह जानकारी तब सामने आई है जब निगम स्वच्छ सर्वेक्षण में बेहतर रैकिंग लाने का प्रयास कर रहा है, लेकिन निगम के पर्यावरण प्रबंधंन विभाग(डेम्स) की लापरवाही के चलते स्वच्छ सर्वेक्षण में मुंह की खानी पड़ सकती है।

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सोमवार को हुई स्थायी समिति की बैठक में कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों ने स्वच्छ सर्वेक्षण के लिे निगम की तैयारियों पर सवाल खड़े किए। स्थायी समिति की उपाध्यक्ष एवं भाजपा पार्षद तुलसी जोशी ने कहा कि सेवा बस्तियों में छोटे-छोटे रिक्शा के माध्यम से साफ-सफाई की जाती थी लेकिन निगम द्वारा वह रिक्शे हटाए जाने से अब लोग परेशान है। उन्होंने कहा कि जब यहां पर रिक्शे उपलब्ध कराए गए थे उनके वार्ड की ज्यादातर झुग्गी बस्तियों में गीला-सूखा कूड़ा अलग-अलग भी होने लगा था। लेकिन, अब यह सुविधा न होने की वजह से लोग नालियों में कूड़ा फेंकने के लिए मजबूर है।

जोशी ने यह भी कहा कि पहले अब एक कंपनी को 700 रुपये कूड़ा उठाने के देते थे जबकि अब यह राशि तीन गुणा कर दी गई है बावजूद इसके यह दिक्कत आ रही है। कांग्रेस पार्षद वेदपाल ने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण में अच्छी रैकिंग लाने के लिए निगम शौचालयों पर आयुक्त और अतिरिक्त आयुक्त की ड्यूटी लगा रहा है। उन्होंने स्वच्छ सर्वेक्षण जब चल रहा है तब अधिकारियों की नियुक्ति की जा रही जबकि पूरे साल की स्थिति खराब रहती है। शौचालयों में पानी, साबुन और सफाई को लेकर दिक्कत रहती है। हालांकि निगमायुक्त ज्ञानेश भारती ने झुग्गीबस्तियों में स्वच्छता बनाने के लिए वाहनों को फिर से लगाने और नियमों के पालन के सख्त निर्देश दिए।

उल्लेखनीय है कि सोमवार से शुरु हुआ स्वच्छ सर्वेक्षण 31 मार्च तक चलेगा। इस दौरान निगम द्वारा स्वच्छता के लिए किए गए इंतजामों का सर्वेक्षण होगा।

दो साल से 18 वाहनों का नहीं हो रहा है पंजीकरण

पूर्व स्थायी समिति की अध्यक्ष शिखा राय ने कहा कि निगम ने 18 वाहन स्वच्छता बढ़ाने के लिए खरीदें, लेकिन उनका पंजीकरण तक नहीं हो पाया है। ऐसे में यह वाहन तीन साल में कबाड़ होते जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि निगम 18 वाहन वर्ष 2018 में खरीदे थे। यह बीएस -4 तकनीक के थे। जबकि वर्ष 2019 से बीएस-6 तकनीक लागू हो गई है। इस मामले में वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए निगम सुप्रीम कोर्ट तक से गुहार लगा चुका है।

गंदगी पर किए 150 चालान

स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 को देखते हुए निगम ने गंदगी फैलाने को लेकर 150 से ज्यादा के खिलाफ कार्रवाई की है। निगम ने कहा कि गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति के 100 से अधिका वाहनों में विशेष सफाई अभियान चलाया गया। ऐसे में गंदगी फैलाने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इसमें उल्लंघनकर्ताओं का 500 रुपये का चालान काटा गया।


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