'जल संकट के लिए केजरीवाल सरकार जिम्मेदार, पानी के लिए दर-दर भटक रही है जनता'
तिवारी ने कहा कि सरकार को जल संयंत्र बंद करने से पहले विभिन्न माध्यम का सहारा लेकर जनता को बताना चाहिए था, ताकि जनता पहले ही पानी की व्यवस्था कर लेती।
नई दिल्ली [जेएनएन]। यमुना में बार-बार अमोनिया की बढ़ती मात्रा की वजह दिल्ली सरकार की गैरजिम्मेदार नीतियां हैं। दिल्ली को जीवन देने वाली यमुना में बढ़ती गंदगी की रोकथाम का दिल्ली सरकार कोई उपाय नहीं कर रही है। दो दिन के लिए यमुना से संबंधित सभी जलशोधक संयंत्र बंद हैं और जनता पानी के लिए दर-दर भटक रही है। उत्तरी-पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने ये बातें कही हैं।
जल बोर्ड के टैंकर क्षेत्रों में नहीं पहुंच रहे हैं
तिवारी ने कहा कि सरकार को जल संयंत्र बंद करने से पहले विभिन्न माध्यम का सहारा लेकर जनता को बताना चाहिए था, ताकि जनता पहले ही पानी की व्यवस्था कर लेती। अभी हाल यह है कि कुछ इलाकों में लोगों के पास पीने तक का पानी नहीं है। जल बोर्ड के टैंकर तक क्षेत्रों में नहीं पहुंच रहे हैं। केजरीवाल सरकार को राजनीति करनी आती है, लेकिन जनता की समस्या की ओर ध्यान नहीं है।
लोगों के घरों तक पीने का पानी नहीं पहुंच रहा है
तिवारी ने कहा कि लोगों के घरों तक पीने का पानी नहीं पहुंच रहा है और सरकार पानी फ्री देने का वादा कर रही है। केजरीवाल सरकार दिल्ली की जनता के हितों की अनदेखी कर लोगों की जान सांसत में डाल रही है। सोनिया विहार के यमुना तटों पर बड़ी संख्या में लोगों द्वारा खुले में शौच करना, किनारों पर लगे गंदगी के ढेर जलशोधक संयंत्र के लिए इकट्ठा किए गए पानी को प्रदूषित कर रहे हैं। केजरीवाल सरकार अगर समय पर नहीं जागी तो दिल्ली को जीवन देने वाली यमुना एक इतिहास बनकर रह जाएगी। करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाने वाली दिल्ली सरकार यमुना को सिर्फ कागजों में साफ कर रही है।
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