जनता पहले तुम्हें सोफे से उतारेगी, फिर हर नौटंकी का बदला लेगी : भाजपा विधायक
सिरसा ने एक ट्वीट के जरिए कहा कि 'जनता पहले तुम्हें सोफे से उतारेगी, फिर हर नौटंकी का बदला लेगी।'
नई दिल्ली, जेएनएन। देश की राजधानी दिल्ली इन दिनों धरना पॉलिटिक्स की शिकार है। दिल्लीवाले पानी और बिजली के घोर संकट से गुजर रहे हैं। लेकिन, राज्य के मुखिया अरविंद केजरीवाल अपनी मांगों को लेकर पिछले कुछ दिनों से एलजी हाउस में धरने पर बैठे हैं। केजरीवाल का आरोप है कि दिल्ली में आईएएस अधिकारी हड़ताल पर हैं, जिस वजह से यहां कई दिक्कतें सामने आ रही हैं। इस धरने को केजरीवाल के दो मंत्रियों का भी साथ मिला था लेकिन उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल भेज दिया। वहीं दिल्ली सरकार के धरने को लेकर केजरीवाल की चौतरफा आलोचना हो रही है। भाजपा और कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल आप सरकार पर लगातार निशाना साध रहे हैं। वहीं इसी बीच भाजपा विधायक मनजिंदर एस सिरसा ने केजरीवाल पर तंज कसा है। सिरसा ने एक ट्वीट के जरिए कहा कि 'जनता पहले तुम्हें सोफे से उतारेगी, फिर हर नौटंकी का बदला लेगी।'
क्या है केजरीवाल की मांगे?
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तीन मांगों को लेकर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और अन्य मंत्रियों के साथ उपराज्यपाल के कार्यालय में धरना दे रहे हैं। धरने पर बैठे केजरीवाल की पहली मांग यह है कि दिल्ली सरकार में कार्यरत भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की हड़ताल तुरंत खत्म कराई जाए, दूसरी मांग काम रोकने वाले आईएएस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कारवाई की जाए और तीसरी मांग है कि राशन की दरवाजे पर आपूर्ति की योजना को मंजूरी दी जाए। यहां यह भी बता दें भूख हड़ताल की वजह से सत्येंद्र जैन व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की तबीयत बिगड़ गई जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
अधिकारियों ने हड़ताल का किया खंडन
हालांकि रविवार को दिल्ली IAS एसोसिएशन ने प्रेस कांफ्रेंस कर आम आदमी पार्टी के इस दावे का खंडन किया। एसोसिएशन का दावा है कि अधिकारी काम पर हैं। राजस्व सचिव मनीषा सक्सेना ने संवाददाता सम्मेलन कहा कि दिल्ली में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी गंभीरता और समर्पण से काम कर रहे हैं। अधिकारी राजनीति में शामिल नहीं हैं, उनका काम सरकार की नीतियों को लागू करना है। सक्सेना ने यह भी कहा था 'हमें निशाना बनाया गया और कहा गया कि हम किसी के साथ काम कर रहे हैं। हम यह बताना चाहेंगे कि हम हड़ताल पर नहीं हैं।'