यमुना में कुतिया के परिवार को डूबता देख पसीजा इस शख्स का दिल, ऐसे बचाई जान
एक तरफ जहां आदमी आदमी का दुश्मन बन गया है वहीं दिल्ली में एक शख्स ने कुत्ते के एक परिवार को बचाकर मानवता की मिशाल पेश की।
नई दिल्ली [शुजाउद्दीन]। ऐ अंधेरे, देख मुंह तेरा काला हो गया...मां ने आंखे खोल दीं घर में उजाला हो गया... शायर मुनव्वर राणा का यह शेर मां की ममता को बयां करता है, लेकिन मां की मोहब्बत के आगे सारे शब्द फीके पड़ जाते हैं। मां चाहे इंसान की हो या फिर पशु की मां का मुकाबला कोई नहीं कर सकता। एक ऐसा ही नजारा मंगलवार को पुराना लोहे के पुल के नीचे देखने को मिला।
यमुना का जलस्तर बढ़ते ही इंसान जगह खाली कर गए, लेकिन एक कुतिया अपने बच्चों के साथ पानी के बीच में फंस गई। बेबस, लाचार और अकेली, जो चाहकर भी अपने बच्चों को पानी से निकालकर सुरक्षित स्थान पर नहीं ले जा पा रही थी।
जब कुतिया काफी देर तक चिल्लाती ( भोक्ति) रही तो एक व्यक्ति पानी में उतरकर उसे देखने के लिए गया, कुतिया अपने बच्चों के साथ थी। बच्चे पांच से छह थे, उन्हें एक साथ हाथ में लेकर सुरक्षित स्थान तक पहुंचाना मुनासिब नहीं था।
एक शख्स ने कुतिया और उसके बच्चों को बचाया
वह व्यक्ति बिना उन्हें लिए वहां से निकला और थोड़ी देर बाद अपना सामान ढोने वाला रिक्शा लेकर कुतिया के पास पहुंचा। कुतिया तब तक रिक्शे में नहीं चढ़ी जब तक उस व्यक्ति ने रिक्शे में उसके बच्चों को नहीं बैठा दिया। बच्चों को बैठाने के बाद खुद रिक्शे में चढ़ी। जैसे ही रिक्शा पानी से निकला वह तुरंत रिक्शे से कूद गई।
झुग्गी में रहते हैं सलीम खान
जान बचाने वाले सलीम खान ने कहा कि वह भी लोहे के पुल के नीचे झुग्गियों में रहते हैं, सोमवार रात झुग्गियों में यमुना का पानी ज्यादा भर गया था। लोग झुग्गियों से निकलकर शिविरों में रह हैं। उन्होंने कहा कि इंसानियत के नाते उन्होंने कुतिया और उसके बच्चों की जान बचाई, ऐसा काम हर एक व्यक्ति को करना चाहिए। अगर कुतिया चिल्लाती न तो उसके यमुना के पानी में डूबकर मर जाते।
यमुना का पानी कई इलाकों में घुसा
बता दें कि यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इसकी वजह से मंगलवार को किसान कॉलोनी और यमुना खादर में पानी घुस गया है। कई झुग्गियां डूब चुकी हैं। यमुना नदी का पानी रिंग रोड स्थित निगम बोध घाट में भी घुस गया है और चिता घाट डूब गया। निगम बोध घाट के पास के कुछ घर भी पानी में आधे डूब गए हैं। वहीं, यमुना के डूब क्षेत्र में रहने वाले लोगों को प्रशासन विकास मार्ग पर ले आया है, जहां उन्हें टेंट में ठहराया गया है।