Delhi Crime: एटीएम मशीन का कीपैड खराब कर धोखे से देख लेता था PIN... कार्ड बदलकर ठगी करने वाला पहुंचा हवालात
एटीएम से पैसा निकालने आने वाले लोगों के खातों से पैसा निकालने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के एक सदस्य को उत्तरी जिला पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसकी निशानदेही पर 21 अलग-अलग बैंकों के 103 डेबिट कार्ड समेत एक बाइक जब्त की गई है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। एटीएम से पैसा निकालने आने वाले लोगों के खातों से पैसा निकालने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के एक सदस्य को उत्तरी जिला पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसकी निशानदेही पर 21 अलग-अलग बैंकों के 103 डेबिट कार्ड समेत एक बाइक जब्त की गई है।
ये वो एटीएम है, जिसे आरोपित ने पीड़ितों को मदद करने के बहाने धोखे से बदल लिए थे। एटीएम के बटन को खराब कर आरोपित लोगोंं को शिकार बनाता था।
डीसीपी उत्तरी जिला सागर सिंह कलसी के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए आरोपित का नाम फिरोज उर्फ मोनू है। इसी तरह के मामले में इसे मुरादनगर पुलिस ने भी पहले गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ पहले के आठ मामले दर्ज हैं।
पुलिस ने बैंकों से मांगी मदद
यह गिरोह यमुनापार, मध्य, उत्तर-पश्चिम और उत्तरी दिल्ली सहित मेरठ में भी बड़ी संख्या में विभिन्न बैंक के एटीएम कार्ड उपयोगकर्ताओं को शिकार बना चुका है। बरामद किए गए डेबिट कार्ड के उपयोगकर्ता का पता लगाने के लिए पुलिस ने 21 बैंकों को मेल भेजकर खाता धारकों के बारे में जानकारी मांगी गई है। अब तक दिल्ली और उत्तर प्रदेश की 70 शिकायतों और आठ प्राथमिकियों के बारे में पता लगाया जा चुका है।
कार्ड बदलकर करता था ठगी
एटीएम मशीनों में एटीएम कार्ड बदलकर पीड़ितों को ठगने की घटना पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए एसआई रोहित के नेतृत्व में स्पेशल स्टाफ की एक टीम बनाई गई थी। वजीराबाद और बुराड़ी थाना क्षेत्र में एटीएम के अंदर डेबिट कार्ड बदलकर पैसे निकालने की कई घटनाएं सामने आई हैं। कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस टीम ने कैमरों के फुटेज के आधार पर फिरोज की पहचान कर उसे बुध विहार लाल मंदिर, लोनी के पास गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ से पता चला कि फिरोज अपने साथियों आबिद, शाहरुख, दानिश व सादिक के साथ 2019 में मेरठ और गाजियाबाद के इलाके में सक्रिय था। मुराद नगर में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जेल से बाहर आने के बाद वह फिर सक्रिय हो गया।
वर्तमान में वह लोनी के रहने वाले आबिद, अमीर व आसिफ के साथ काम कर रहा था और यमुनापार, वजीराबाद, बुराड़ी, आनंद पर्वत, आजादपुर मंडी आदि क्षेत्रों में सक्रिय था। लोगों के एटीएम पिन देखने के बाद ये लोग उसी या दूसरे एटीएम से पैसे निकाल लेते थे। गिरोह के सदस्य पीड़ित के लेन-देन में बाधा उत्पन्न करने के लिए एटीएम के कीपैड पर एंटर बटन के नीचे एक पिन लगा देते थे।