दिल्ली में डीजल वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध से घबराए व्यापारी, कहा-1 अक्टूबर से लाकडाउन से भी बुरे होंगे हालात
1 अक्टूबर से दिल्ली में भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने की तैयारी है। इसे लेकर लाखों कारोबारियों और व्यापारियों में घबराहट है। उनका कहना है कि इससे तो लाकडाउन से भी बुरा हालात पैदा हो जाएंगे।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पर्यावरण प्रदूषण का हवाला देते हुए दिल्ली में भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने की तैयारी है। इसे लेकर दिल्ली के लाखों कारोबारियों और व्यापारियों में चिंता का माहौल है, क्योंकि पांच माह के इस प्रतिबंध से दिल्ली का कारोबार ठप होने की आशंका है। ऐसे में इससे उत्पन्न होने वाले संकटों तथा उसके समाधान को लेकर कंफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट), दिल्ली ने व्यापारियों की महापंचायत बुलाई है।
कैट दिल्ली के महासचिव देवराज बवेजा ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा इस वर्ष एक अक्टूबर से अगले वर्ष फरवरी तक दिल्ली में डीजल से चलने वाले भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया गया है। इससे दिल्ली के लाखों कारोबारियों में काफी चिंतित हैं, क्योंकि, पांच माह तक माल की आवाजाही नहीं होगी।
इसके चलते सामानों की किल्लत उत्पन्न हो सकती है। महंगाई इससे बढ़ेगी। इसके साथ ही दुकानदारों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो जाएगा। स्थिति लाकडाउन से भी खराब हो जाएगी। दुकानों का किराया, घर का खर्च, कर्मचारियों का वेतन, बैंकों की किश्त समेत अन्य सवाल मुंह बाएं खड़े होंगे।
उन्होंने बताया कि दीनदयाल उपाध्याय मार्ग स्थित हिंदी भवन में 29 जून को यह महापंचायत बुलाई गई है। इसमें दिल्ली के सभी कारोबारी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसमें मुख्य रूप से प्रतिबंध लागू होने के बाद दिल्ली में माल किस तरह आएगा अथवा दिल्ली से अन्य राज्यों में कैसे जाएगा? और क्या दिल्ली में आने वाला माल दिल्ली की सीमा से सटे राज्यों में उतरेगा या अन्य राज्यों के लिए माल पड़ोसी राज्यों से भेजने पड़ेगा, इन जैसे सवालों का जवाब निकालने की कोशिश इस महापंचायत से होगी।