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मदनी बोले गैर मुसलमान अपनी बेटियों को सह-शिक्षा वाले स्कूलों में न भेजें, विहिप ने की निंदा, बताया बच्चियों के प्रति अमानवीय सोच

जमीयत उलेमा-ए-हिंद (जेयूएच) के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के उस बयान की विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने निंदा की है जिसमें उन्होंने गैर मुसलमानों से अपनी बेटियों को सह-शिक्षा वाले स्कूलों में न भेजने की अपील की थी।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Wed, 01 Sep 2021 03:09 PM (IST)Updated: Wed, 01 Sep 2021 03:09 PM (IST)
मदनी बोले गैर मुसलमान अपनी बेटियों को सह-शिक्षा वाले स्कूलों में न भेजें, विहिप ने की निंदा, बताया बच्चियों के प्रति अमानवीय सोच
मदनी के इस तरह के बयान गैर मुसलमानों, महिलाओं व बच्चियों के प्रति अमानवीय सोच को दर्शाता है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जमीयत उलेमा-ए-हिंद (जेयूएच) के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के उस बयान की विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने निंदा की है, जिसमें उन्होंने गैर मुसलमानों से अपनी बेटियों को सह-शिक्षा वाले स्कूलों में न भेजने की अपील की थी। विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि मदनी के इस तरह के बयान गैर मुसलमानों, महिलाओं व बच्चियों के प्रति अमानवीय सोच को दर्शाता है।

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उन्होंने इस तरह का बयान देकर अपनी मानसिकता को एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है। पहले से ही इनका नारी व हिंदू विरोधी व्यवहार पूरी दुनिया देख रही है, ऐसे में ये कहीं गैर मुसलमानों को चेतावनी तो नहीं है? मुस्लिम समाज को अब तय करना होगा कि वह ऐसी सोच के लोगों को अपना आदर्श व नेता कब तक मानेंगे।

बंसल ने कहा कि भारत में जहां बच्चियों को सैनिक स्कूलों में दाखिले देने के फैसले हो रहे हैं। वहां ऐसी सोच से तालिबानी मानसिकता प्रदर्शित हो रही है। दुनिया जो तालिबान का चेहरा देख रही है, वही चेहरा इनका उजागर हो गया है। ऐसे लोगों की सोच को आगे बढ़ाना नहीं चाहिए।उल्लेखनीय है कि समाचार एजेंसी आइएएनएस की खबर के मुताबिक जेयूएच की कार्यसमिति की बैठक के बाद मदनी ने अश्लीलता से बचाने के लिए गैर मुसलमानों से अपील की थी कि वह अपनी बच्चियों को सह -शिक्षा वाले स्कूलों में न भेजें।

हालांकि, दैनिक जागरण से बातचीत में अरशद मदनी की बात से पलटते हुए जेएचयू के प्रेस सचिव फजल- उर-रहमान कासमी ने कहा कि मदनी ने सभी धर्मो से अपील कि है वह अपने बच्चों को पढ़ाएं और इसके लिए स्कूल व कालेज खोलें, ताकि वह कट्टरपंथी सोच से दूर हो सकें। इससे पहले जमीयत उलेमा-ए-हिंद (जेयूएच) ने सह-शिक्षा का विरोध किया था। उसके अध्यक्ष अरशद मदनी ने लड़कियों के लिए अलग स्कूल और कालेज खोलने की वकालत की। इतना ही नहीं, उन्होंने गैर मुसलमानों को सलाह दे दी कि उन्हें भी बेटियों को सह-शिक्षा देने से बचना चाहिए।

दिल्ली में संपन्न हुई जेयूएच की कार्यसमिति की बैठक के बाद जारी एक बयान में मदनी ने कहा कि दुनिया के हर धर्म में अनैतिकता और अश्लीलता की निंदा की गई है। कहा, अपने गैर-मुस्लिम भाइयों से भी कहेंगे कि वे अपनी बेटियों को अनैतिकता और दु‌र्व्यवहार से दूर रखने के लिए सह-शिक्षा देने से परहेज करें और उनके लिए अलग शिक्षण संस्थान स्थापित करें। मदनी ने कहा कि मुसलमानों को अपने बच्चों को किसी भी कीमत पर उच्च शिक्षा दिलानी चाहिए। आज ऐसे स्कूलों और कालेजों की सख्त जरूरत है, जहां हमारे बच्चे, खासकर लड़कियां बिना किसी बाधा या भेदभाव के उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें।


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