नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा दायर मानहानि के मामले में भाजपा सांसद परवेश वर्मा के खिलाफ निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर दिल्ली हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। इससे पहले अदालत ने भाजपा प्रवक्ता हरीश खुराना, सांसद हंस राज हंस और मनजिंदर सिंह सिरसा के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। पूरा मामला स्कूलों में कक्षाओं के निर्माण पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने से जुड़ा है। सिसोदिया ने वर्मा समेत छह लोगों के खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी।
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने सिसोदिया से मांगा था जवाब
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने एक नोटिस जारी किया और वर्मा द्वारा 28 नवंबर, 2019 को दायर याचिका पर सिसोदिया से जवाब मांगा। इससे पहले हाई कोर्ट ने इस मामले में सांसद सदस्य हंस और विधायक सिरसा और खुराना के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगा दी थी।
आरोपितों को पहले ही निचली अदालत में पेश होने के बाद जमानत मिल गई थी। आम आदमी पार्टी के नेता ने मीडिया में झूठे और अपमानजनक बयान देने के लिए IPC की धारा 499 और 500 के तहत अपराध आयोग के लिए CRPC की धारा 200 के तहत शिकायत दर्ज की थी।
मनीष सिसोदिया ने लगाए थे ये आरोप
बता दें कि सिसोदिया ने भाजपा नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों को संयुक्त रूप से और व्यक्तिगत रूप से गलत, मानहानिकारक और अपमानजनक बताया था। उन्होंने दावा किया कि आरोप उनकी प्रतिष्ठा और सद्भावना को नुकसान पहुंचाने और नुकसान पहुंचाने के इरादे से लगाए गए हैं।
बता दें कि इससे पहले सांसद प्रवेश वर्मा पर हेट स्पीट के भी आरोल लगे है। प्रवेश वर्मा ने कई बार विवादित बयान दिए है, जिसकी आम आदमी पार्टी की ओर से आलोचना की जा चुकी है।