अनोखी पहल: चॉकलेट से बनाई गई गजानन की प्रतिमा, दूध में होगा विसर्जन
महोत्सव के समापन पर भगवान गणेश की मूर्ति का विसर्जन नदी, झील या नहर के पानी में करने की बजाय दूध में किया जाएगा।
फरीदाबाद [अभिषेक शर्मा]। शहर में जगह-जगह लगे पंडालों में गणेश उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। सूरजकुंड रोड स्थित ओमेक्स फॉरेस्ट स्पा में भी गणेश चतुर्थी की धूम है। यहां पर विराजित भगवान गणेश की मूर्ति लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। यह प्रतिमा चॉकलेट से तैयार की गई है, जो पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दे रही है।
चॉकलेट से बनी भगवान गणेश की मूर्ति
आमतौर पर प्रतिमाएं पीओपी (प्लास्टर ऑफ पेरिस) से बनी होती है, जो विसर्जन के बाद जल प्रदूषण का एक बड़ा कारण बनती हैं। जल प्रदूषण को रोकने के लिए ओमेक्स लिमिटेड ने इस बार गणेश चतुर्थी पर चॉकलेट से बनी भगवान गणेश की स्थापना की है। लगभग 8 इंच लंबी, 6 इंच चौड़ी और डेढ़ किलो वजन की चॉकलेट से बनी यह प्रतिमा पर्यावरण के अनुकूल भी है।
दूध में किया जाएगा विसर्जन
महोत्सव के समापन पर भगवान गणेश की मूर्ति का विसर्जन नदी, झील या नहर के पानी में करने की बजाय दूध में किया जाएगा। विसर्जन के बाद तैयार होने वाला चॉकलेट मिश्रित दूध प्रसाद के रूप में वितरित किया जाएगा। इसे 10 लीटर दूध में विसर्जित किया जाएगा।
पर्यावरण संरक्षण के प्रति छोटा योगदान
ओमेक्स लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहित गोयल का कहना है कि फरीदाबाद में गणेश उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन विसर्जन के दौरान डीजे और म्यूजिक सिस्टम से होने वाली ध्वनि, सड़कों पर जाम और जल प्रदूषण पृथ्वी को काफी नुकसान पहुंचता है। ओमेक्स लिमिटेड का यह पर्यावरण संरक्षण के प्रति छोटा योगदान है। इसके अलावा लोगों के अलावा बच्चों को भी अपने साथ जोड़ने की पहल शुरू की है। यह काफी अच्छा प्रयास रहा।