नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। लोकपाल ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के खिलाफ शुरू की गई कार्यवाही को चुनौती देने वाली याचिका का विरोध करते हुए इसे पूरी तरह से गलत बताया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) प्रमुख और राज्यसभा सदस्य शिबू सोरेन की याचिका को खारिज करने की मांग करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में जवाब दाखिल कर लोकपाल ने कहा कि इस मामले में उनके किसी भी मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं किया गया है।
शिबू सोरेन ने पांच अगस्त 2020 को भाजपा के निशिकांत दुबे द्वारा दायर एक शिकायत मामले में लोकपाल द्वारा शुरू की गई कार्यवाही को चुनौती दी है। सोरेन की याचिका पर हाई कोर्ट ने सितंबर 2022 में लोकपाल के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। अब लोकपाल ने इसका विरोध किया है। हालांकि, लोकपाल ने यह भी बताया कि हाई कोर्ट के अगले आदेश तक कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया है।
भाजपा सांसद ने लगाया शक्ति के दुरुपयोग का आरोप
बता दें कि झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत पर लोकपाल ने शिबू सोरेन के खिलाफ कार्यवाही शुरू की थी। लोकपाल में 5 अगस्त 2020 को झामूमो अध्यक्ष शिबू सोरेन और उनके परिवार पर कथिक तौर पर शक्ति का दुरुपयोग कर गैर-कानूनी साधनों के जरिए आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी।
कोयला मंत्री रहते हुए भ्रष्टाचार का आरोप
शिबू सोरेन पर कोयला मंत्री के पद पर रहते हुए अकूत संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। यह संपत्ति झारखंड समेत देश के अन्य राज्यों में है। लगभग तीन दर्जन अचल संपत्ति की सूची लोकपाल को सौंपी गई थी। लोकपाल की कार्यवाही के खिलाफ शिबू सोरेन ने याचिका दायर की थी। इस याचिका में सोरेन की तरफ से कहा गया कि उनके खिलाफ सभी शिकायत झूठी व तुच्छ है।