UP: भाजपा नेता के बेटे को कांग्रेस ने दिया गौतमबुद्धनगर से टिकट, पिता ने बताया साजिश
कांग्रेस की ओर से अरविंद सिंह को गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारने के एक दिन बाद ही कांग्रेस में अंदरूनी कलह शुरू हो गई है।
नोएडा [ललित विजय]। कांग्रेस की ओर से भाजपा नेता के बेटे और नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलाधिपति अरविंद सिंह को गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारने के एक दिन बाद ही विवाद शुरू हो गया है। जहां एक ओर कांग्रेस में ही अंदरूनी कलह शुरू हो गई है, वहीं भाजपा नेता जयवीर सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने राजनीतिक साजिश के तहत मेरे बेटे को टिकट दिया है।
इस बाबत भाजपा नेता जयवीर सिंह का फेसबुक के जरिये एक पत्र भी मीडिया के सामने आया है, जिसमें उन्होंने पूरे परिवार के साथ भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति पूरी निष्ठा जताई है। उन्होंने पत्र में यह भी बताया है कि बेटा अरविंद सिंह परिवार से अलग रहता है और कांग्रेस ने परिवार के मतभेदों का फायदा उठाने के लिए ही उसे टिकट दिया है।
कांग्रेस प्रत्याशी का जवाब, मेरा कोई रिश्ता नहीं भाजपा से
पिता जयवीर के पत्र के बाद गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अरविंद सिंह का भी बयान सामने आया है। उन्होंने साफा किया- 'मैंने कभी भी भाजपा की सदस्यता नहीं ली। पूरा परिवार भले ही भाजपा में है, लेकिन मेरी विचारधारा भाजपा से मेल नहीं खाती है। पिता जयवीर सिंह भाजपा से एमएलसी हैं, इस कारण मुझे कांग्रेस से टिकट मिलना उन्हें नागवार गुजर रहा हैं। मैं और परिवार अलग-अलग हैं।
जिले के कांग्रेस नेता नाराज, ज्योतिरादित्य सिंधिया पर लगाया गंभीर आरोप
जिले में कांग्रेस का सबसे पुराना कुनबा ही पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से नाराज हो गया है। कांग्रेस के टिकट पर दो बार दादरी से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके दिग्गज नेता रघुराज सिंह ने फेसबुक के जरिये टिकट बंटवारे को लेकर यूपी में पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया पर गंभीर आरोप लगाया है।
इशारों-इशारों में उन्होंने टिकट बंटवारे में धनबल के इस्तेमाल की बात कह दी है। यूपी में अस्तित्व के संकट से जूझ रही कांग्रेस पार्टी के लिए यह आरोप उसके लिए नई समस्या को जन्म दे सकता है। दरअसल, पार्टी नेता रघराज खुद भी दिल्ली से सटी गौतमबुद्धनगर सीट पर लोकसभा प्रत्याशी के दावेदार थे। उनका मानना है कि बाहरी को टिकट दिया गया है।
दादरी विधानसभा सीट से 2017 में चुनाव लड़ चुके कांग्रेस नेता रघराज सिंह ने फेसबुक पर इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के साथ फोटो पोस्ट करते हुए लिखा है- 'गौतमबुद्ध नगर में कांग्रेस का टिकट बेचा गया है। यह सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को बदनाम करने की साजिश है।' इतना ही नहीं, रघराज सिंह का यह भी कहना है- 'अरविंद सिंह के पिता बसपा से मंत्री रहे। अब भाजपा में हैं। ऐसे में अरविंद सिंह को टिकट धनबल का करिश्मा नहीं तो क्या है?' उन्होंने यह भी लिखा है- 'जब तक कांग्रेस लीडरशिप धन पशुओं की गुलामी से कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मारते रहेंगे, पार्टी अस्तित्व की लड़ाई लड़ती रहेगी।'
वहीं, दादरी सीट से दो बार विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा चुके कांग्रेस के सबसे पुराने नेता रघुराज सिंह के इस तरह मुखर विरोध से पार्टी नेता असहज हो गए हैं। यहां पर बता दें कि रघुराज सिंह ने भी गौतमबुद्ध नगर से लोकसभा का टिकट मांगा था।
रघुराज सिंह ने रविवार को कहा कि उन्होंने अपना विरोध प्रियंका गांधी को भी बता दिया है। किसी कांग्रेसी नेता को टिकट दिया गया होता तो दुख नहीं होता। बाहरी को टिकट मिलने से दुख है। उन्होंने कहा कि वे पत्रकार वार्ता कर अपनी बात रखेंगे।
बता दें कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राहुल गांधी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया है। पिछले दिनों ही कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने करो या मरो अंदाज में चुनाव लडऩे व गुटबाजी का खत्म कर संगठन की मजबूती पर जोर दिया था। संसदीय सीटों की समीक्षा करते हुए सिंधिया ने नेताओं से अपने क्षेत्रों में अधिकतम प्रवास करने और जनसमस्याओं का समाधान कराने पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था कि बूथस्तर पर तैयारियां पुख्ता नहीं होंगी तो कांग्रेस की वापसी आसान नहीं हो पाएगी।
यहां पर बता दें कि दिल्ली से सटी उत्तर प्रदेश की गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट पर बसपा के टिकट पर अलीगढ़ से चुनाव लड़ चुके डॉ. अरविंद सिंह को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है। अरविंद सिंह नोएडा के सेक्टर 61 में रहते हैं। वह वर्ष 2014 में अलीगढ़ से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन भाजपा के सतीश गौतम से वह चुनाव हार गए थे।
अरविंद सिंह के पिता जय प्रताप सिंह भी बसपा सरकार में उत्तर प्रदेश के मंत्री रह चुके हैं। ग्रेटर नोएडा में नोएडा इंटरनेशनल विश्वविद्यालय भी अरविंद सिंह का ही है, जहां पर बसपा सरकार सरकार में प्रदेश के डीजीपी रहे विक्रम सिंह वाइस चांसलर रह चुके हैं।
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