Unauthorised colonies in Delhi: कॉलोनियों में मालिकाना हक को आज से करें लॉग-इन
मालिकाना हक के लिए जो कागजात ऑनलाइन आवेदन के लिए होने चाहिए उनमें जनरल पॉवर ऑफ अटॉर्नी (जीपीए) भुगतान की रसीदें और कब्जा पत्र प्रमुख हैं।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। 1731 अनधिकृत कॉलोनियों के निवासी मालिकाना हक के लिए अब दस दिन पहले ही लॉग-इन कर सकेंगे। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) शुक्रवार से ही इसके लिए पोर्टल उपलब्ध करा रहा है। हालांकि आवेदन 16 दिसंबर से ही होगा, लेकिन अकाउंट और पासवर्ड पहले से बना लेने पर बाद में आवेदन करना आसान हो जाएगा।
अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों को मालिकाना हक के लिए 16 से डीडीए के पोर्टल पर आवेदन करना है। मालिकाना हक के लिए जो कागजात ऑनलाइन आवेदन के लिए होने चाहिए, उनमें जनरल पॉवर ऑफ अटॉर्नी (जीपीए), भुगतान की रसीदें और कब्जा पत्र प्रमुख हैं। यह कागजात होने और इनके सही पाए जाने पर ही इस पोर्टल पर आवेदन हो सकेगा। इसके बाद डीडीए की टीम आवेदक का सत्यापन करेगी और आवेदक को कन्वेंस डीड (फ्री होल्ड के कागज) जारी करेगी। इसी आधार पर वह रजिस्ट्री करा सकेंगे।
समस्या अब यह है कि इन कॉलोनियों का नियमितीकरण राजनीतिक मुददा बन जाने से कारण जहां केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रलय दबाव में है, वहीं डीडीए भी 16 से एक साथ बढ़ने वाले कार्यभार से निपटने के लिए समय रहते सभी संभव तैयारी कर रहा है। इसी कड़ी में 30 नवंबर से पोर्टल का ट्रायल शुरू कर उसकी खामियां दूर की जा रही हैं। शुक्रवार से इस पोर्टल का एक हिस्सा भी खोल दिया जाएगा।
डीडीए अधिकारियों के मुताबिक पोर्टल के पहले हिस्से में अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों को लॉग इन करके अपनी जानकारी एवं संपत्ति का पता डालकर अपना अकाउंट बनाना है और पासवर्ड जेनरेट करना है जबकि दूसरी हिस्से में मालिकाना हक के लिए आवेदन करना है। पहला हिस्सा छह तारीख से ही शुरू कर दिया जाएगा ताकि लोग आवेदन की तिथि आने पर इस पोर्टल पर पंजीकरण कराने की अपनी बाकी तैयारी पूरी रख सकें। इससे आवेदन के दौरान लोगों की परेशानी करीब-करीब खत्म हो जाएगी। बस केवल कागजात अपलोड करना शेष रह जाएगा।
डीडीए ने शुरू की 25 हेल्प डेस्क, मिलेगी जानकारी
1731 अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले 40 लाख से अधिक लोगों को घरों का मालिकाना हक दिलाने के लिए डीडीए ने हेल्प डेस्क की शुरुआत कर दी है। हेल्प डेस्क के अधिकारियों और उनके फोन नंबर भी जारी कर दिए गए हैं। इन हेल्प डेस्क पर मालिकाना हक से संबद्ध प्रक्रिया से संबंधित सभी तरह की जानकारी मिलेगी। साथ ही लोग आवेदन भी कर सकते हैं। इसके लिए लोगों से कोई फीस नहीं ली जाएगी। इस तरह की 25 हेल्प डेस्क डीडीए ने शुरू की हैं।
महेंद्र पांडेय (सेवानिवृत्त वैज्ञानिक) के मुताबिक, एनजीटी ने निर्देश दिया कि जिला प्रशासन अवैध कॉलोनी समेत अपने यहां स्थित तीन कॉलोनियों की सूची तैयार करे। डेंगू-चिकनगुनिया की रोकथाम के लिए पर्याप्त कदम तैयार उठाए जाएं।