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Delhi Lockdown News: लॉकडाउन से पटरी से उतरी दिल्ली के ऑटो पा‌र्ट्स बाजारों की गाड़ी, कारोबारी चिंतित

Delhi Lockdown 2021 News व्यापारियों के मुताबिक पिछले साल के पहले लॉकडाउन में उनका बचत गया था। अब इस लॉकडाउन में उनकी पूंजी जा रही है। ऐसे में जब लॉकडाउन खत्म होगा और बाजार खुलेंगे तब व्यापार फिर से खड़ा करने के लिए उन्हें बड़े वित्तीय मदद की आवश्यकता होगी।

By Jp YadavEdited By: Published: Wed, 12 May 2021 08:33 AM (IST)Updated: Wed, 12 May 2021 08:33 AM (IST)
Delhi Lockdown News:  लॉकडाउन से पटरी से उतरी दिल्ली के ऑटो पा‌र्ट्स बाजारों की गाड़ी, कारोबारी चिंतित
Delhi Lockdown News: लॉकडाउन के चलते पटरी से दिल्ली के ऑटो पा‌र्ट्स बाजारों की गाड़ी, कारोबारी चिंतित

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। लॉकडाउन ने मोटर ऑटो व ट्रैक्टर पा‌र्ट्स की बिक्री के मामले में एशिया के बड़े बाजारों में शामिल कश्मीरी गेट की गाड़ी पटरी से उतार दी है। व्यापारियों के मुताबिक, पिछले साल के पहले लॉकडाउन में उनका बचत गया था। अब इस लॉकडाउन में उनकी पूंजी जा रही है। ऐसे में जब लॉकडाउन खत्म होगा और बाजार खुलेंगे तब व्यापार फिर से खड़ा करने के लिए उन्हें बड़े वित्तीय मदद की आवश्यकता होगी। इसके लिए वे दिल्ली सरकार से राहत की गुहार लगाते हैं। वे कहते हैं कि उनके लिए विशेष वित्तीय पैकेज के साथ बिजली के फिक्स मामलों समेत कुछ मामलों में राहत दी जाए। वे दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर में औद्योगिक ऑक्सीजन के कोरोना संक्रमण की आपात स्थिति में चिकित्सा में इस्तेमाल से भी चिंतित है, क्योंकि आखिरकार, इसका भारी हर्जाना उनके ऑटो पा‌र्ट्स उद्योग व कारोबार को उठाना होगा।

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कारोबारियों का कहना है कि ऑटो पा‌र्ट्स का काफी काम वेल्डिंग पर निर्भर है, जिसमें ऑक्सीजन का उपयोग होता है। इसी तरह इस्पात निर्माण में ऑक्सीजन चाहिए। फिलहाल, उनका ऑक्सीजन चिकित्सा के लिए स्थानांतरित होने से उत्पादन ठप है। जब लॉकडाउन खुलेगा और अचानक मांग बढ़ेगी तो इस्पात की किल्लत होगी। वहीं, ऑक्सीजन की दिक्कत से छोटे व मझले उद्योग खासे प्रभावित होंगे। दिल्ली के कश्मीरी गेट व मोरी गेट में कुल मिलाकर 25 हजार कारोबारी प्रतिष्ठान हैं, जबकि करोलबाग में स्कूटर पा‌र्ट्स की पांच हजार दुकानें हैं।

इस लॉकडाउन ने ऑटो पा‌र्ट्स कारोबारियों की कमर तोड़ दी है। पिछली बार तो कर्ज के मोरेटोरियम से कुछ राहत थी, लेकिन इस बार इस तरह की कोई घोषणा नहीं है। हम लॉकडाउन के फैसले पर दिल्ली सरकार के साथ हैं, क्योंकि संक्रमण घटाना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।

विनय नारंग (अध्यक्ष, ऑटोमोटिव पा‌र्ट्स मर्चेट एसोसिएशन (अपमा), कश्मीरी गेट) कहते हैं कि सरकार को हमारे बारे में भी सोचना चाहिए। हमारी मांग है कि सस्ती दर पर आसानी से कर्ज की व्यवस्था हो। जो मौजूदा कर्ज चल रहे हैं, उसकी किस्तें चुकाने में कुछ माह की मोहलत मिले। इसी तरह बिजली के फिक्स चार्ज समेत अन्य राहत भी मिले। अभी जरूरत है तो औद्योगिक ऑक्सीजन को चिकित्सा उपयोग में लाया जा रहा है, लेकिन यह समझना होगा कि मोटर पा‌र्ट्स धातु के बने होते हैं। उसमें बड़ा हिस्सा वेल्डिंग का होता है।

 राकेश कुमार (उपप्रधान (अपमा), मोरी गेट)  ने बताया कि उद्योग में ऑक्सीजन का उपयोग प्रतिबंधित हो गया है। इस कारण हमारे सारे काम ठप हो गए हैं। सोचना होगा कि जब लाकडाउन खुलेगा तो सबसे तेजी से आटो पा‌र्ट्स उद्योग में सुधार आता है, क्योंकि लोग निजी गाडि़यों से चलना सुरक्षित समझते हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में मोटर पा‌र्ट्स के सामानों में अचानक बहुत बड़ी कमी आने वाली है।

दीपक सचदेवा (अध्यक्ष, दिल्ली स्कूटर ट्रेडर्स एसोसिएशन) का कहना है कि पिछले वर्ष लॉकडाउन में सरकार ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया था। न सिर्फ दुकानदारों के लिए, बल्कि बाजारों में काम करने वाले मजदूरों के लिए भी। उन्हें नियमित रूप से खाना बांटा गया था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। हम दुकानदार ही मिलकर उनकी भूख मिटाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि वे दिल्ली छोड़कर न जाएं। वे चले गए तो बाजार में श्रमिकों की कमी का नया संकट खड़ा हो जाएगा।


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