Lockdown Delhi: सीएम की अपील भी रही बेअसर, प्रवासी कामगारों ने किसी की नहीं सुनी
Lockdown Delhi लॉकडाउन के एलान के साथ ही एक बार फिर प्रवासी अपने भविष्य को लेकर आशंकित दिखाई दिए। पिछले वर्ष के दौरान हुए कड़वे अनुभव से वह इस कदर खौफ में थे कि उन पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस अपील का भी असर नहीं पड़ा।
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। सोमवार दोपहर लॉकडाउन के एलान के साथ ही एक बार फिर प्रवासी अपने भविष्य को लेकर आशंकित दिखाई दिए। पिछले वर्ष के दौरान हुए कड़वे अनुभव से वह इस कदर खौफ में थे कि उन पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस अपील का भी असर नहीं पड़ा, जिसमें उन्होंने प्रवासियों से दिल्ली छोड़कर नहीं जाने की अपील की थी।
हजारों की उमड़ पड़ी भीड़
सरकार के एलान के चंद घंटों बाद ही आनंद विहार बस अड्डे पर हजारों की भीड़ जुट गई। कोई सामान के साथ बच्चों को गोदी में लेकर बस अड्डे पर अपने शहर, कस्बे और गांव की बस तलाशता दिखाई दिया तो कुछ अकेले ही पीठ पर बैग लादे हुए बस में सवार होते दिखे। बस अड्डे पर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सड़क परिवहन निगम की बसें कम थीं, इसलिए ज्यादातर यात्री रोड पार कर कौशांबी बस डिपो पहुंच गए। बिहार और गोरखपुर जाने वाले यात्री ईडीएम माल के पास से चलने वाली निजी बसों में सवार हो गए।
जाने वालों में कामगार ज्यादा
गांधी नगर और सीलमपुर इलाके की फैक्टि्रयों में काम करने वाले कामगार काफी संख्या में अपने गांव जाने के लिए बस पकड़ने आनंद विहार बस अड्डे पहुंचे। इसके अलावा हरियाणा और दिल्ली के एक्सपोर्ट हाउस में काम करने वाले कारीगरों ने लॉकडाउन के कारण बसों में अपने शहर और कस्बों का रुख किया।
निजी बस संचालकों ने मनमाना किराया वसूला
लोगों की मजबूरी का निजी बस संचालकों ने जमकर फायदा उठाया। बिहार और गोरखपुर जाने वाली सवारियों से दो से ढाई हजार रुपये किराया वसूला। आटो वालों की भी चांदी रही। कई यात्री ज्यादा किराया मांगने पर आटो चालकों से भी उलझते नजर आए।
नहीं पहने थे मास्क, शारीरिक दूरी भी भूले यात्री
ज्यादा भीड़ के बीच सीट पाने की जद्दोजहद में यात्री शारीरिक दूरी का पालन करना भूल गए। हाल यह था कि लोग बस में चढ़ने के लिए एक-दूसरे को धक्का देकर आगे निकलने का प्रयास कर रहे थे। कई यात्री ऐसे भी थे, जिन्होंने कोरोना के प्रकोप के बावजूद मास्क नहीं पहना था।
सड़क पर लग गया जाम
शारीरिक दूरी का पालन कराने के लिए आनंद विहार बस अड्डे में सोमवार को डीटीसी और क्लस्टर बसों को अंदर नहीं आने दिया गया। ये बसें चौधरी चरण सिंह मार्ग पर ही यात्रियों को उतारकर आगे बढ़ गईं। इस कारण आनंद विहार बस अड्डे के सामने दिनभर जाम लगा रहा।
रेलवे स्टेशन पर सामान्य रही भीड़
आरक्षित टिकट पर यात्रा करने की इजाजत के चलते आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर स्थिति पूरी तरह सामान्य थी। वही लोग स्टेशन पहुंचे, जिन्होंने कुछ वक्त पहले टिकट करा लिए थे।
घर लौटने की अलग-अलग वजह बता रहे लोग
धारूहेड़ा में एक कंपनी में काम करता हूं। दिल्ली में लॉकडाउन लग गया है। ना जाने कब हरियाणा में लॉकडाउन लग जाए। कंपनी ने घर जाने को कहा है। -रामलोट, फैजाबाद
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मैं परिवार के साथ खोड़ा में रहता हूं। यहीं छोटा-मोटा काम करता हूं। दिल्ली में लॉकडाउन की घोषणा के बाद पड़ोसी शहरों में भी आशंका बन रही है। इसलिए परिवार के साथ गांव लौट रहा हूं।
-रोहन, उन्नाव
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गांधीनगर में दुकान पर सेल्समैन का काम करता हूं। सरकार ने लॉकडाउन लगा दिया है। न जाने यह कब बढ़ जाए। इसलिए अपने परिवार के पास जा रहा हूं।
-महेंद्र, सुल्तानपुर
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मैं हाजीपुर (बिहार) जा रहा हूं। मुझे लॉकडाउन की आशंका थी, इसलिए मैंने पहले ही आनंद विहार रेलवे स्टेशन से चलने वाली ट्रेन का टिकट बुक करा लिया था।-एमबी नसीरुद्दीन, चिराग दिल्ली
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आनंद विहार से अधिकतम लखनऊ तक की बसें चलती हैं। उससे लंबी की दूरी बसें कौशांबी डिपो से चलती हैं। यही वजह है कि यहां आए यात्री वहां जा रहे हैं। -आरके वर्मा, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, उत्तर प्रदेश सड़क परिवहन निगम