Move to Jagran APP

शराब के खुदरा विक्रेता पहुंचे दिल्ली हाई कोर्ट, सरकार को जवाब देने के लिए मिला चार सप्ताह का वक्त

दिल्ली सरकार की तरफ से जारी शराब बिक्री के ई-टेंडर के नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका पर टिप्पणी करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा सब कुछ अनिश्चितता पर नहीं छोड़ सकते। इस मामले में अब अगली सुनवाई 27 अगस्त को होगी।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 21 Jul 2021 11:56 AM (IST)Updated: Wed, 21 Jul 2021 11:56 AM (IST)
शराब के खुदरा विक्रेता पहुंचे दिल्ली हाई कोर्ट, सरकार को जवाब देने के लिए मिला चार सप्ताह का वक्त
ई-टेंडर मामले में दिल्ली सरकार को नोटिस

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली सरकार की तरफ से जारी शराब बिक्री के ई-टेंडर के नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका पर टिप्पणी करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा सब कुछ अनिश्चितता पर नहीं छोड़ सकते। यदि किसी व्यक्ति से एक समझौते में प्रवेश करने की उम्मीद करते हैं, तो उसे पता होना चाहिए कि वह क्या कर रहा है। उक्त टिप्पणी करते हुए न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने को कहा। मामले में अगली सुनवाई 27 अगस्त को होगी।

loksabha election banner

दिल्ली में शराब बेचने वाले खुदरा विक्रेताओं की तरफ से याचिका दाखिल करने वाले राबिन चौधरी की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर व संदीप सेठी ने कहा कि वे नई आबकारी नीति को चुनौती नहीं दे रहे हैं। उन्होंने शराब विक्रेताओं की दुविधा जाहिर करते हुए बताया कि उन्हें थोक विक्रय मल्य की जानकारी है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि शराब उन्हें किस कीमत पर बेचनी पड़ेगी। इस पर पीठ ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता आबकारी आयुक्त द्वारा तय की गई एमआरपी से संतुष्ट नहीं होता है तो उन्हें तीन दिन के अंदर निविदा वापस लेने की अनुमति दी जाए।

इस दौरान याचिका का विरोध करते हुए दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी व राहुल मेहरा ने कहा कि यह याचिका मुख्य पीठ के समक्ष सूचीबद्ध हुई थी, ताकि आबकारी नीति को चुनौती देने वाली अन्य याचिका के साथ इसकी सुनवाई की जा सके।

कोर्ट पहुंचा टीकाकरण का मामला

इधर, असहाय बुजुर्गो को घर पर ही कोरोना टीका लगाने की मांग को लेकर 84 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने दिल्ली हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। बुजुर्ग महिला ने याचिका दायर कर केंद्र सरकार को इस संबंध में ठोस नीति तैयार करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों के लिए कोरोना टीका पंजीकरण के लिए हेल्पलाइन नंबर और घर-घर टीकाकरण कराने की नीति लागू करने का निर्देश देने की मांग की है।

बुजुर्ग महिला धीरज अग्रवाल ने याचिका दायर कर कहा कि वह गरीब हैं और अगर वह टीकाकरण केंद्र में जाती है तो कोरोना वायरस के संपर्क में आने का खतरा है। उन्होंने कहा कि वह गठिया रोग से पीड़ित हैं और ज्यादातर समय बिस्तर पर ही रहती हैं। उन्होंने कुछ मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर और झारखंड सहित कुछ राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में कुछ माह पहले घर-घर टीकाकरण अभियान शुरू किया गया था। इतना ही नहीं कई देश में भी घर पर ही वरिष्ठ नागरिक को टीका लगाने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में नीति बनाने के लिए मई 2021 में एक प्रतिवेदन केंद्र और दिल्ली सरकार को भेजा था। उन्होंने दलील दी कि वरिष्ठ नागरिकों व असहाय नागरिकों को टीकाकरण की सुविधा से वंचित रखना जीवन के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.