कुतुबमीनार और सफदरजंग मकबरा भी होंगे रोशन, पर्यटक रात में भी कर सकेंगे दीदार
कुतुबमीनार में एनबीसीसी पूरी मीनार, गलियारों, प्रवेश द्वार सहित सभी गुंबदों, दीवारों, झरोखों और प्रमुख बिंदुओं पर एलईडी लगाएगा। यह टाइमर से जुड़ी होंगी और एक साथ जलेंगी।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। जल्द ही कुतुबमीनार व सफदरजंग मकबरे की रौनक बदल जाएगी। ये दोनों एतिहासिक इमारतें लाल किले की तरह ही रोशन नजर आएंगी। यहां से फ्लड लाइटें हटाकर हर प्रमुख बिंदु पर एलईडी लाइट लगाई जाएंगी। लाइटें एक रंग की होंगी।
राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम को सौंपी गई जिम्मेदारी
गौरतलब है कि स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर तमाम सरकारी और ऐतिहासिक इमारतों पर प्रकाश की व्यवस्था की जाती है। लेकिन, साउथ और नॉर्थ ब्लॉक छोड़कर सभी जगह फ्लड लाइट का इस्तेमाल होता है। अब इस परंपरागत व्यवस्था में सुधार के मद्देनजर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआइ) ने लाल किले के बाद अब कुतुबमीनार एवं सफदरजंग मकबरा की जिम्मेदारी भी राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम (एनबीसीसी) को सौंप दी है।
टाइमर से जुड़ी होंगी और एक साथ जलेंगी
जानकारी के मुताबिक कुतुबमीनार में एनबीसीसी पूरी मीनार, गलियारों, प्रवेश द्वार सहित सभी गुंबदों, दीवारों, झरोखों और प्रमुख बिंदुओं पर एलईडी लगाएगा। यह टाइमर से जुड़ी होंगी और एक साथ जलेंगी। गर्मीं में इनके जलने का समय शाम साढ़े सात से रात साढ़े 11 बजे जबकि सर्दी में शाम छह से रात 10 बजे तक का रहेगा।
पांच करोड़ का होगा बजट
इसके अलावा कुतुबमीनार में एनबीसीसी पीने का पानी, शौचालय और फुटपाथ आदि की भी व्यवस्था करेगा। इन कार्यों का बजट लगभग पांच करोड़ का होगा। सफदरजंग मकबरे में केवल आगे के हिस्से में प्रकाश की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए करीब एक करोड़ रुपये का बजट रहेगा। इसके लिए एनबीसीसी ने फिलिप्स इंडिया को साथ में जोड़ा है। सभी कार्य को नवंबर माह तक पूरा कर लिया जाएगा। दिसंबर में ट्रायल होगा।
रात को कर सकेंगे दीदार
एनबीसीसी के कार्यकारी निदेशक आरके अग्रवाल ने बताया कि ऐतिहासिक इमारतों को नुकसान न पहुंचे, इसलिए रंगीन लाइट की अनुमति नहीं मिली है। दिसंबर तक सारा काम पूरा हो जाएगा। इसके पश्चात पर्यटक रात में भी इन इमारतों को देखने आएंगे।