DMC चीफ जफरुल इस्लाम को कारण बताओ नोटिस, LG ने कार्रवाई के लिए सीएम को लिखा पत्र
एलजी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए पत्र लिखा है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। फेसबुक पर विवादित पोस्ट कर चर्चा में आए दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन जफरुल इस्लाम खान की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रहीं हैं। उपराज्यपाल अनिल बैजल ने जफरुल इस्लाम को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह नोटिस आठ अप्रैल को जारी किया गया है।
जफरुल इस्लाम खान को दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष पद से हटाने की मांग वाली याचिका की सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील ने हाई कोर्ट को इसकी जानकारी सोमवार को दी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में वकील ने बताया कि एलजी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए पत्र भी लिखा है।
एलजी ने सीएम से कहा करें कार्रवाई
दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील अनुपम श्रीवास्तव ने कहा कि एलजी ने 30 अप्रैल को मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था कि संबंधित प्रशासनिक विभाग को निर्देश दिया जाए कि वह जफरुल के खिलाफ डीएमसी अधिनियम की धारा 4 के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई शुरू करें। यह धारा किसी संवैधानिक पद पर नियुक्त व्यक्ति को अध्यक्ष या सदस्य को पद से हटाने का प्रावधान करता है।
उन्होंने अदालत को बताया कि एलजी ने खान को 8 मई को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए। पीठ ने अधिकारियों को उचित समय में मामले को हल करने का निर्देश दिया और खान को हटाने की मांग वाली याचिका का निपटारा कर दिया। बता दें कि जफरुल का कार्यकाल आयोग के अध्यक्ष के रूप में जुलाई में समाप्त होने जा रहा है।
जफरुल को मोबाइल व लैपटॉप जमा करने का निर्देश
वहीं, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जफरुल खान को नोटिस भेजकर उसे अपना मोबाइल फोन व लैपटॉप जल्द जमा करने को कहा है। जिससे उसने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट शेयर की थी। उसे यह डिवाइस 12 मई तक स्पेशल सेल के पास जमा करने को कहा गया है। इस पोस्ट के शेयर होने के बाद सोशल मीडिया पर काफी हंगामा मचा था। जिसके बाद खान को अपने बयान से पीछे भी हटना पड़ा था। उसने सफाई देते हुए कहा था कि अगर उसके बयान से किसी को चोट पहुंची हो तो वह माफी मांग रहे हैं। इससे पहले जफरुल ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अग्रिम जमानत की मांग की थी। लेकिन नहीं मिली।