एक तेंदुए की दहशत में 8 घंटे तक सहमा रहा दिल्ली से सटा यह शहर, देखें वीडियो
बताया जा रहा है कि लोगों की भीड़ और भटक कर शहर आया तेंदुआ इस दौरान एक खेत से दूसरे खेत और वहां बने फार्म हाउस को अपना ठिकाना बनाता रहा। वहीं, लोग दहशत में रहे।
नई दिल्ली/नोएडा, जेएनएन। एक तेंदुए की वजह से दिल्ली से सटा उत्तर प्रदेश का ग्रेटर नोएडा और नोएडा शहर तकरीबन 8 घंटे तक सहमा रहा। प्रशासन की सतर्कता के बावजूद लोग इस दहशत में रहे कि कहीं वह किसी पर हमला न कर दे। पूरा मामला ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सादुल्लापुर गांव का है। शहर में पिछले कई दिनों से यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल थी कि एक तेंदुआ जंगल के साथ रिहायशी इलाके में घूम रहा है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो पा रही थी। तेंदुए के पकड़े जाने बाद वन विभाग की टीम उसे फिशिंग कैट बता रही है।
जंगल से गांव का रुख करने वाले तेंदुए को दिल्ली व मेरठ से आई वन विभाग की तीन टीमों ने आठ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पिंजरे में बंद कर लिया। सुबह से लेकर शाम तक चले ऑपरेशन के दौरान वन विभाग व पुलिस की टीमों से तेंदुआ लुकाछिपी करता रहा। ऑपरेशन के दौरान तेंदुए के हमले में आइटीबीपी का जवान भी मामूली रूप से घायल हो गया। तेंदुए के गांव तक पहुंचाने से ग्रामीणों में दहशत मच गई।
कामयाबी मिलने पर ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। तेंदुए को शिवालिक के जंगलों में छोड़ा जाएगा। रविवार को सुबह करीब नौ बजे सादुल्लापुर गांव के मारीपत रेलवे स्टेशन के समीप मैनपाल के खेत में तेंदुआ होने की सूचना मिली। तेंदुआ को स्टेशन के पास से गुजर रहे दो राहगीरों व आसपास खेल रहे बच्चों ने देखकर शोर मचा दिया। शोर सुनकर खेतों में काम कर रहे किसान भी वहां से भाग खड़े हुए। इससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई। भीड़ को देख तेंदुआ खेत से निकलकर गांव के अंदर की तरफ चला गया। इसके बाद वह ग्रामीण काली व प्रभात के फार्म हाउस में घुस गया। यहां से निकलने के बाद वह जयवीर प्रधान के फार्म हाउस में जा घुसा। खेत में खड़ी अरहर की फसल में छिपते हुए वहां बने एक कमरे में जाकर छिप गया।
हो सकता था बड़ा हादसा
तेंदुए को काबू में करने के लिए पुलिस व वन विभाग की टीम के साथ कुछ लोग भी सहयोग में जुट गए। जयवीर के फार्महाउस में तेंदुए के घुसने के बाद लोगों ने चारों तरफ से फार्महाउस को घेर लिया। घटना के बाद मौके पर बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो गए। गांव में छुट्टी पर आए आइटीबीपी के जवान कुलदीप उर्फ कोमल पवार भी वहां पहुंच गए। कुलदीप को पुलिस कर्मियों ने सहयोग के लिए अपने साथ ले लिया। लेकिन तेंदुए ने उस पर हमला कर दिया। उसकी पीठ के साथ-साथ निचले हिस्से व पैर पर तेंदुए ने झपट्टा मारा। इसके बाद वन विभाग के गाडरें ने उसे खींच लिया। जिसके बाद ग्रामीणों ने बादलपुर स्थित नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने छुट्टी दे दी है।
पुलिस को भांजनी पड़ीं लाठियां
तेंदुआ देखने को भीड़ इतनी बेकाबू हो गई कि पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ीं। दरअसल भीड़ के चलते टीम को ऑपरेशन के तहत परेशानी आ रही थी।
आठ घंटे चला ऑपरेशन
ग्रामीणों के मुताबिक दस बजे सूचना पुलिस व वन विभाग की टीम को दी गई। इसके बाद सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने तेंदुआ होने की पुष्टि करते हुए दिल्ली हापुड़ और मेरठ टीम को सूचना दी। दोपहर तीन बजे के बाद मेरठ, दिल्ली व हापुड़ से वन विभाग की टीम घटना स्थल पर पहुंची। हापुड़ से ¨पजड़ा लाया गया। मेरठ और दिल्ली से तेंदुआ को बेहोशी का इंजेक्शन लगाने के लिए ट्रेंकुलाइज गन लाई गई। उसके बाद तेंदुआ को पकड़ने के लिए ऑपरेशन शुरू किया गया। करीब पांच बजे उसे बेहोश करने के बाद जाल की मदद से लोहे के ¨पजड़े में डाल लिया गया। जिसके बाद सूरजपुर स्थित वेटलैंड के पास वन विभाग की नर्सरी में रखा गया है।
कई अन्य जंगली जानवर ग्रेनो में कर रहे हैं विचरण
तेंदुआ पकड़ने जाने के बाद ग्रेटर नोएडा वासियों ने राहत की सांस ली है। हालांकि अभी खतरा टला नहीं है। कई अन्य जंगली जीव ग्रेटर नोएडा में विचरण कर रहे हैं। दरअसल स्टेलर जीवन के पास चार दिन पहले तेंदुआ होने की सूचना मिली थी। जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस व वन विभाग की टीम ने सर्च अभियान चलाया। वन विभाग की टीम ने पंजों की पहचान कर फिसिंग कैट की पुष्टि की थी। वहीं कुछ दिन पहले इस क्षेत्र में जंगली सूअर भी देखे जाने की चर्चा है।
पीके श्रीवास्तव, जिला वन अधिकारी ने बताया कि मेरठ व दिल्ली से तेंदुआ पकड़ने के लिए तीन टीमें आई थीं। ट्रेंकुलाइज गन से तेंदुआ को बेहोश करने के बाद पकड़ा गया। होश में लाने के बाद उसे दोबारा डोज दी गई। तेंदुआ की उम्र 5 से 8 साल है। सोमवार को उसे सहारनपुर के निकट शिवालिक के जंगलों में ले जाकर छोड़ा जाएगा।