सरकार तलवाड़ ने कुछ इस तरह याद किया दिवंगत क्रिकेटर अजीत वाडेकर को
विदेशी सरजमीं पर भारतीय टीम को पहली टेस्ट सीरीज जिताने वाले पूर्व भारतीय कप्तान अजीत वाडेकर का बुधवार रात्रि मुंबई में निधन हो गया।
फरीदाबाद (सुशील भाटिया)। विदेशी सरजमीं पर भारतीय टीम को पहली टेस्ट सीरीज जिताने वाले पूर्व भारतीय कप्तान अजीत वाडेकर का बुधवार रात्रि मुंबई में निधन हो गया। अजीत वाडेकर से जुड़ी हुई यादों को हरियाणा रणजी टीम के कप्तान रहे और पूर्व मुख्य प्रशिक्षक सरकार तलवाड़ ने भावपूर्ण शब्दों में साझा किया।
सरकार तलवाड़ के अनुसार, वर्ष 1983-84 के रणजी सत्र में हरियाणा का बंबई (अब मुंबई) से बंबई में वानखेड़े स्टेडियम में मुकाबला था। अजीत वाडेकर मुंबई टीम के कोच थे। सितारा खिलाड़ियों से सजी बंबई बेहद मजबूत टीम थी और कभी बंबई को हरा नहीं पाई थी। कपिल देव की कप्तानी में उतरी हरियाणा टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 423 रन का विशाल स्कोर बनाया।
डॉ.रविंद्र चड्ढा ने 159 रन की नाबाद पारी खेली। जवाब में मुंबई ने 100 रन पर ही चार विकेट खो दिए, पर उसके बाद कप्तान रवि शास्त्री ने विकेटकीपर बल्लेबाज चंद्रकांत पंडित के साथ मिल कर आफ स्पिनर सरकार तलवाड़ व दीपक शर्मा की खूब पिटाई की और स्कोर 200 के पार हो गया। शाम को ड्रेसिंग रूम में कप्तान कपिल देव ने तब सरकार तलवाड़ से खूब नाराजगी व्यक्त की। सरकार तलवाड़ तब कपिल दव से भी टीम में सीनियर क्रिकेटर थे। बकौल तलवाड़, खेल में दिन अच्छा भी होता है और बुरा भी, पर उन्हें कपिल देव का व्यवहार पसंद नहीं आया और यहां तक कि उन्होंने क्रिकेट से ही संन्यास लेने की सोच ली।
खैर तलवाड़ ने मन ही मन अपने मालिक को याद किया कि लाज रख लेना। बस अगले दिन का जब खेल शुरू हुआ, तो तलवाड़ ने ऐसी गेंदबाजी की कि पूरी टीम 296 रन पर आउट हो गई। सरकार तलवाड़ ने पारी में 103 रन देकर 6 विकेट लिए। दूसरी पारी में हरियाणा टीम 252 पर आल आउट हो गई और बंबई को जीत के लिए 380 रन का लक्ष्य दिया, पर बंबई टीम कपिल(33/3) और तलवाड़(94/3) की गेंदबाजी के आगे 229 रन आउट हो गई हरियाणा ने पहली बार बंबई पर जीत दर्ज की।
सरकार तलवाड़ ने पूरे मैच में 197 रन देकर 9 विकेट ली और हरियाणा की जीत में अहम भूमिका निभाई। तब अजीत वाडेकर ने हरियाणा के ड्रेसिंग रूम में आकर तलवाड़ को कहा, सरकार एक्स्ट्रा आर्डनेरी बॉलिंग, वंडरफुल स्पैल। बाद में 1991 में भी हरियाणा ने मुंबई को रणजी ट्राफी के फाइनल में हरा कर पहली बार रणजी ट्राफी का खिताब जीता। तब कपिल देव कप्तान थे और तलवाड़ टीम के मुख्य प्रशिक्षक।
तलवाड़ ने कहा कि अजीत वाडेकर की भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाईयां प्रदान करने में योगदान देने के साथ-साथ दिव्यांगों की क्रिकेट को आगे बढ़ाने में भी अहम भूमिका रही। फरीदाबाद के राजा नाहर सिंह क्रिकेट स्टेडियम में जब दिव्यांगों का राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण शिविर लगा था, तब वो यहां पांच दिनों तक रहे थे और इस दौरान खूब नई पुरानी यादों को साझा किया था।