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INX Media case: पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम के वकील ने HC में जमा किया रिज्वाइंडर

इससे पहले 19 सितंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने चिदंबरम की न्यायिक हिरासत 3 अक्टूबर तक बढ़ा दी है। अब उन्हें 14 दिन और तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में रहना पड़ेगा।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 23 Sep 2019 12:32 PM (IST)Updated: Mon, 23 Sep 2019 07:40 PM (IST)
INX Media case: पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम के वकील ने HC में जमा किया रिज्वाइंडर
INX Media case: पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम के वकील ने HC में जमा किया रिज्वाइंडर

नई दिल्ली, एएनआइ। आइएनएक्स मीडिया मामले (INX Media Case) में पूर्व वित्त और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मंत्री पी. चिदंबरम (P Chidambaram) की जमानत याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में मंगलवार को भी सुनवाई होगी। सोमवार को हुई सुनवाई में पी. चिदंमबरम के वकील ने कोर्ट में रिज्वाइंडर जमा किया। 

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इसमें कहा गया है कि इस मामले में सरकारी खजाने को कोई नुकसान नहीं हुआ है। इस मामले में कोई सार्वजनिक धन शामिल नहीं हुआ था और न ही यह बैंक धोखाधड़ी या देश से पैसा निकालने का मामला है।

इससे पहले 19 सितंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने चिदंबरम की न्यायिक हिरासत 3 अक्टूबर तक बढ़ा दी है। अब उन्हें 14 दिन और तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में रहना पड़ेगा। बता दें पी. चिदंबरम 5 सितंबर से तिहाड़ जेल में हैं।

चिदंबरम की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने न्यायिक हिरासत की अवधि बढ़ाने के सीबीआई के अनुरोध का विरोध किया था. सिब्बल ने अदालत से अनुरोध किया कि उनके मुव्वकिल को न्यायिक हिरासत के दौरान तिहाड़ जेल में रहते हुए समय-समय पर मेडिकल जांच तथा पर्याप्त मात्रा में पूरक आहार मुहैया कराए जाए। 

जानिए- क्या है चिदंबरम पर आरोप

  • यहां पर बता दें क पी. चिदंबरम पर आरोप है कि उनके वित्त मंत्री रहते विदेशी निवेश को मंज़ूरी दी गई। CBI ने इस मामले में उनके बेटे कार्ति को भी गिरफ़्तार किया था और फिलहाल जमानत पर हैं।
  • कार्ति पर 2007 में आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिलाने के लिए पैसे लेने का आरोप है। उस वक्त उनके पिता यूपीए सरकार में वित्तमंत्री थे।
  • सीबीआई ने पिछले साल 15 मई को मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी।
  • सीबीआई का आरोप है कि आईएनएक्स मीडिया को मंजूरी दिलाने में अनियमितताएं बरती गईं और 305 करोड़ रुपये विदेशी निवेश हासिल किया गया।
  • सीबीआई ने शुरू में आरोप लगाया था कि एफआईपीबी मंजूरी को सुविधाजनक बनाने के लिए कार्ति को रिश्वत के रूप में 10 लाख रुपये मिले थे।
  • सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय इस मामले की जांच कर रही है।

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