Move to Jagran APP

नामी कंपनियों के नाम पर दवा बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़, भारी मात्रा में नकली दवाएं बरामद

नकली दवाएं दिल्ली व एनसीआर सहित पश्चिम बंगाल और बिहार के अलावा अन्य राज्यों में आपूर्ति की जाती थीं। पुलिस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में जुट गई है।

By Amit MishraEdited By: Published: Sat, 17 Mar 2018 11:06 PM (IST)Updated: Sun, 18 Mar 2018 11:53 AM (IST)
नामी कंपनियों के नाम पर दवा बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़, भारी मात्रा में नकली दवाएं बरामद
नामी कंपनियों के नाम पर दवा बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़, भारी मात्रा में नकली दवाएं बरामद

नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्ली पुलिस ने राजधानी में नामी कंपनियों के नाम पर नकली दवा बनाने के मामले का पर्दाफाश किया है। इसमें हरियाणा के फरीदाबाद निवासी बिजेंद्र सिंह और नई दिल्ली पांडव नगर निवासी अशोक कुमार को गिरफ्तार किया गया है। दोनों ही पिछले दो सालों से नकली दवा बनाने वाली फैक्ट्री चला रहे थे। उनके पास से भारी मात्रा में नकली दवाओं की खेप इत्यादि बरामद हुई है। बरामद दवाओं में ज्यादातर दर्द निवारक, गैस सहित खतरनाक बीमारियों में प्रयुक्त की जाती हैं। इन दवाओं के प्रयोग से मरीज के स्वास्थ्य पर बुरा असर भी पड़ सकता है।

prime article banner

चलता था नकली दवा का कारोबार 

नकली दवाएं दिल्ली व एनसीआर सहित पश्चिम बंगाल और बिहार के अलावा अन्य राज्यों में आपूर्ति की जाती थीं। पुलिस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में जुट गई है। दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त (अपराध) आलोक कुमार ने बताया कि पुलिस को 15 मार्च को पता चला था कि दो शातिर नामी कंपनियों की नकली दवा का निर्माण कर उसकी आपूर्ति में लगे हुए हैं।

नकली दवाओं का जखीरा भी बरामद

बदमाशों की धरपकड़ के दौरान डीसीपी राजेश देव और इंस्पेक्टर नीरज चौधरी की टीम ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के समीप से वैन में आए बदमाश बिजेंद्र संह और अशोक कुमार को दबोच लिया। वहीं, उनके पास से नकली दवाओं का जखीरा भी बरामद हुआ। पुलिस टीम के साथ दिल्ली सरकार के ड्रग इंस्पेक्टर भी मौजूद थे।

जांच में बरामद दवाएं नकली पाई गईं

आरोपियों के पास दवा निर्माण अथवा वितरण इत्यादि के लाइसेंस के कोई दस्तावेज नहीं थे। गिरफ्तार कर बिजेंद्र सिंह और अशोक कुमार से पूछताछ की गई। पुलिस पुछताछ में आरोपियों ने चौंकाने वाले खुलासे किए। उन्होंने बताया कि नकली दवा के लिए फर्जी तरीके से अलग-अलग कंपनियों से रसायन इत्यादि मंगाते थे। जबकि कैप्सूल के खोल भागीरथ पैलेस से खरीदते थे। बाद में बलबीर विहार, किराड़ी और नई दिल्ली स्थित फैक्ट्रियों में बगैर किसी मानक के उन रसायनों को कैप्सूल में भरकर उसपर नामी कंपनियों के लेबल लगा देते थे। इसके बाद इनकी आपूर्ति मेडिकल स्टोर पर कर दी जाती थी।

छह गुना मुनाफा होता था

ज्यादातर ऐसी दवाएं होती थी जिनका प्रयोग दर्द निवारक, गैस की समस्या अथवा खतरनाक बीमारियों में होता है। इन दवाओं के दाम भी बाजार में अमूमन काफी ज्यादा होते हैं। नामी कंपनी के नाम पर बेची गई दवा से आरोपियों को छह गुना मुनाफा होता था। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर उनके पास से करीब एक लाख पैन-डी, मोनटेक एलसी, पैन-4, ए टू जेड कैप्सूल व अन्य दवाओं व एक लाख कैप्सूल के खाली खोल सहित पैकिंग व बैच मशीन इत्यादि बरामद किए हैं।

कई राज्यों में होती थी सप्लाई 

नकली दवाओं की आपूर्ति दिल्ली-एनसीआर सहित पश्चिम बंगाल, बिहार व अन्य राज्यों में जहां उनकी मांग ज्यादा होती थी वहां की जाती थी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि सन 2016 से आरोपी अवैध कार्य में लिप्त थे। 8वीं कक्षा पास 55 वर्षीय बिजेंद्र सिंह दिल्ली, हरियाणा व राजस्थान में अलग-अलग दवा निर्माण कंपनी में काम कर चुका है। उसे दवा निर्माण का 20 वर्ष का अनुभव है। जबकि 42 वर्षीय अशोक पहले दवा निर्माण करने वाली कंपनियों को दवा का पैकेट व बक्से जैसी पैकिंग सामग्री की आपूर्ति करता था। बाद में ज्यादा रुपये कमाने के लिए वह बिजेंद्र के साथ मिलकर श्री राम पैकर्स नाम की फैक्ट्रियों में नकली दवा बनाने लगा था। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। 

यह भी पढ़ें: 60 से 90 लाख लेकर पास कराता था मेडिकल परीक्षा, अब तलाश रही दिल्ली पुलिस


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.