Delhi Landfill Sites: दिल्ली से जल्द खत्म होंगे कूड़े के पहाड़, सरकार के बजट से मिला फंड
Delhi Landfill Sites फंड मिलने से निगम पहाड़ों को खत्म कर रही मशीनरी को तो बढ़ाएगा ही साथ ही काम तेज करने के लिए नई योजना भी तैयार करेगा। निगम को इस कार्य के लिए फंड की कमी रहती थी।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रहने वाले लोग पहाड़ों की हरियाली के बारे में सोचते हैं तो उन्हें कूड़े के पहाड़ों की बदबू मुंह चिढ़ाती है। दिल्ली सरकार के इस बजट से उम्मीद बंधी है कि लोगों को इस बदबू और गंदगी के ढेर से निजात मिल जाएगी। दिल्ली सरकार ने बजट में 850 करोड़ की राशि का प्रविधान किया है।
उम्मीद है कि इस राशि से पहाड़ों को खत्म करने के लिए चल रहे कार्य को और गति मिलने की उम्मीद है। फंड मिलने से निगम पहाड़ों को खत्म कर रही मशीनरी को तो बढ़ाएगा ही, साथ ही काम तेज करने के लिए नई योजना भी तैयार करेगा। निगम को इस कार्य के लिए फंड की कमी रहती थी, हालांकि बीते वर्ष केंद्र सरकार ने भी 700 करोड़ रुपये निगम को अनुदान देने का एलान किया था, जिससे निगम को मदद मिली थी। फंड आवंटन के साथ ही दिल्ली सरकार ने नए सिरे से कूड़े के पहाड़ों को खत्म करने की डेडलाइन भी तय कर दी है।
दिल्ली सरकार के अनुसार ओखला लैंडफिल को दिसंबर 2023 तक, भलस्वा लैंडफिल को मार्च 2024 और गाजीपुर लैंडफिल को दिसंबर 2024 तक खत्म करने की योजना है। पूर्व में ओखला और भलस्वा लैंडफिल की समय-सीमा दिसंबर 2023 थी और गाजीपुर लैंडफिल की समयसीमा मार्च 2024 थी। हालांकि अब उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही कूड़े के पहाड़ खत्म हो जाएंगे। इन्हें जैव विविधता पार्क बनाने की भी योजना है।
10-15 हजार मीट्रिक टन कूड़ा रोज होगा निस्तारित
तीनों लैंडफिल साइट पर 70 ट्रामल मशीनों से कूड़े का निस्तारण किया जा रहा है। यहां 280 लाख मीट्रिक टन कचरा पड़ा हुआ था। निगम ने करीब 80 लाख मीट्रिक टन कचरे का निस्तारण कर दिया है। अब चूंकि ओखला लैंडफिल पर कोई नया कूड़ा नहीं डल रहा है। फिलहाल यहां पर 4 से 4.5 मीट्रिक टन कूड़े को प्रतिदिन निस्तारित किया जा रहा है। जिसे एक अप्रैल से 10 हजार मीट्रिक टन प्रतिदिन करने की योजना है।
वहीं, जून में इसे 15 हजार मीट्रिक टन प्रतिदिन करना है। इसके लिए निगम को अत्याधिक संसाधनों की जरुरत होगी। फंड की राशि मिलने से निगम को इस कार्य करने में गति मिलेगी। इसी प्रकार भलस्वा और गाजीपुर लैंडफिल साइट को तेजी से खत्म करने के लिए प्रतिदिन निस्तारित होने वाले कचरे की मात्रा बढ़ानी है।