दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में चार मंजिला कैंसर ब्लॉक जल्द होगा शुरू
लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में भी जल्द कैंसर इलाज की सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। चार मंजिला कैंसर ब्लॉक बनकर तैयार हो गया है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली । कैंसर के मरीजों के लिए राहत की खबर है।अभी दिल्ली में एम्स सहित चार अस्पतालों में कैंसर के इलाज की सुविधा है। अब लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में भी जल्द कैंसर इलाज की सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। चार मंजिला कैंसर ब्लॉक बनकर तैयार होने के बाद अब यहां भी कीमोथेरेपी की सुविधा एक-डेढ़ माह में शुरू हो जाएगी।
शुरुआत में अस्पताल में मौजूद डॉक्टर ही कैंसर ब्लॉक में मरीजों को कीमोथेरेपी देंगे, लेकिन संस्थान मेडिकल ऑन्कोलॉजी का विभाग भी शुरू करने की तैयारी में है। रेडियोथेरेपी के लिए मशीनें खरीदने की प्रक्रिया चल रही है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि रेडियोथेरेपी की सुविधा इस साल के अंत तक शुरू हो जाएगी।
अभी एम्स व तीन अन्य अस्पतालों में ही सुविधा
मौजूदा समय में दिल्ली में एम्स के कैंसर सेंटर के अलावा तीन सरकारी अस्पतालों में ही इसके इलाज की सुविधा है। इसमें सफदरजंग अस्पताल, दिल्ली कैंसर राज्य संस्थान व लोकनायक अस्पताल शामिल है। अन्य अस्पतालों में सुविधाओं की कमी के कारण एम्स कैंसर सेंटर में मरीजों का भारी दबाव है। इसलिए लेडी हार्डिग मेडिकल कॉलेज में कैंसर का इलाज शुरू होने पर मरीजों को इलाज के लिए एक और विकल्प मिल पाएगा।
सभी सुविधाएं एक ही छत के नीचे मिलेंगी-संस्थान निदेशक
संस्थान के निदेशक डॉ. एनएन माथुर ने कहा कि नए ब्लॉक में कैंसर के इलाज के लिए कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी व जांच सुविधाएं एक छत के नीचे उपलब्ध होगी। इस ब्लॉक में चिकित्सा सुविधा शुरू होने पर मरीजों को कीमोथेरेपी देने का काम शुरू दिया जाएगा लेकिन बेहतर इलाज के लिए मेडिकल ऑन्कोलॉजी का विभाग भी शुरू किया जाएगा।
मशीनें खरीदने की प्रक्रिया रही चल
माथुर ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलय में जल्द प्रस्ताव भेजा जाएगए, ताकि मेडिकल ऑन्कोलॉजी के विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति की जा सके। उन्होंने कहा कि रेडियोथेरेपी की मशीन खरीदने की प्रक्रिया भी चल रही है। इसके लिए कुछ माह पहले टेंडर जारी हुआ था लेकिन तकनीकी कारणों से टेंडर आवंटित नहीं हो पाया। नए सिरे से रेडियोथेरेपी मशीनें खरीदने की प्रक्रिया चल रही है। रेडियोथेरेपी की मशीन को स्थापित करने में भी तीन-चार माह का समय लगता है।