Kumar Viswas: अगर आप भी जीवन में किसी वजह से असफल हुए हैं तो पढ़िये कुमार विश्वास की ये दो लाइनें
कुमार विश्वास ने अपने ट्विटर हैंडल से लोगों को प्रेरणा देते हुए एक ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि असफलता से किसी को हारना नहीं चाहिए बल्कि उनको नए सिरे से अपने जीवन में संघर्ष करना चाहिए हो सकता है कि वो किसी और चीज के मास्टर हो।

नई दिल्ली, विनय तिवारी। हर किसी के जीवन में कभी न कभी निराशा घर करती है, उसके कारण जुदा-जुदा हो सकते हैं। मगर ऐसे समय में ही लोगों को अपने को संभालना होता है। देश में कई ऐसे लोग हुए हैं जिनका जीवन आज भी दूसरे लोगों के लिए उदाहरण स्वरूप है। उनके जीवन से आज भी लोग प्रेरणा लेकर अपने जीवन को जी रहे हैं और आगे बढ़ रहे हैं। ऐसा ही एक नाम डाक्टर एपीजे अब्दुल कलाम(APJ Abdul Kalam) का भी रहा है।
कवि कुमार विश्वास(Kumar Viswas) भी ऐसे लोगों के जीवन में प्रेरणा भरने का काम करते हैं। उन्होंने अपने इंटरनेट मीडिया एकाउंट से दो ट्वीट किए हैं। अपने एक ट्वीट में उन्होंने डाक्टर कलाम को संबोधित करते हुए लिखा है कि सफलताओं का शोर दुनिया चकित होकर देखती है पर असफलताएँ टूटे हुए मनोबल पर एकांत में आक्रमण करती हैं। मुश्किल पलों की चुनौतियों को मनोबल से परास्त कर नए लक्ष्य की ओर बढ़ने की कला ही किसी हारे हुए को सुपर हीरो कलाम(Dr. Abdul Kalam) सरीखे कालजयी व्यक्तित्व में बदल देती है।
असफलता आपकी योग्यता का प्रमाणपत्र नहीं है अपितु असफलता तो केवल यह भर सूचित करती है कि बड़ी व मानक सफलताओं के लिए अभी आपको और मेहनत व तपस्या की आवश्यकता है ❤️🇮🇳🙏#APJAbdulKalam 👍 pic.twitter.com/meXUzOOOxZ
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) July 27, 2022
इसके बाद उन्होंने दो और लाइनें ट्वीट की, इसमें उन्होंने लिखा कि असफलता आपकी योग्यता का प्रमाणपत्र नहीं है अपितु असफलता तो केवल यह भर सूचित करती है कि बड़ी व मानक सफलताओं के लिए अभी आपको और मेहनत व तपस्या की आवश्यकता है।
वैसे आज के दौर में ये आम धारणा बन चुकी है कि सभी पढ़ लिखकर सरकारी महकमे में अधिकारी ही नहीं बनेंगे। बल्कि युवा पीढ़ी का जो करने का मन हो उसे वो करने देना चाहिए, इससे उनकी प्रतिभा का निखार होता है और वो उस काम को बेहतर तरीके से कर सकते हैं।
यदि उन पर कोई चीज थोपी जाती है तो वो उस काम को पूरे मनोयोग से नहीं कर पाते हैं लिहाजा उसमें उनको नाकामयाबी मिलती है। वो अपना 100 फीसदी नहीं दे पाते हैं। इस वजह से जो भी बच्चा या कोई बड़ा जो भी करना चाहे उसे वो ही करने देना चाहिए अन्यथा वो उस काम को भी बेहतर तरीके से नहीं कर पाते हैं और असफल होते हैं, ऐसे में निराशा होती है।

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