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बुराड़ी के 11 मौतों वाले इस घर में फिर हो रही 11 रहस्यमय पाइप की चर्चा

दिल्ली पुलिस द्वारा मकान की सील खोने के बाद यहां पर लगाई गईं 11 पाइपों को ललित के बड़े भाई दिनेश ने बुधवार को ही तुड़वा दिया।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 19 Oct 2018 02:58 PM (IST)Updated: Fri, 19 Oct 2018 03:43 PM (IST)
बुराड़ी के 11 मौतों वाले इस घर में फिर हो रही 11 रहस्यमय पाइप की चर्चा
बुराड़ी के 11 मौतों वाले इस घर में फिर हो रही 11 रहस्यमय पाइप की चर्चा

नई दिल्ली, जेएनएन। देश की राजधानी दिल्ली के बुराड़ी इलाके में दिल दहलाने वाले बुराड़ी फांसीकांड में एक ही परिवार के 11 लोगों के आत्महत्या वाला मकान नंबर- 137 फिर चर्चा में है। दरअसल, एक जुलाई को 11 लोगों की मौत के बाद बुराड़ी इलाके के संत नगर की गली संख्या-2 के मकान नंबर- 137 को दिल्ली पुलिस ने सील कर दिया था, ऐसा जांच के लिए किया गया था। जांच के बाद अब इस मकान की तीन महीने के बाद सील दोबारा खुली तो यह इलाका और हत्याकांड दोनों चर्चा में आ गए। 

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मकान में लगी 11 पाइप तोड़ी गईं
दिल्ली पुलिस द्वारा मकान की सील खोने के बाद यहां पर लगाई गईं 11 पाइपों को ललित के बड़े भाई दिनेश ने बुधवार को ही तुड़वा दिया। दिनेश के करीबियों का कहना है कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि 11 मौतों को लोग इन 11 पाइपों से भी जोड़कर देख रहे थे, खासकर मीडिया। बता दें कि 11 में से 7 पाइपें मुड़ीं थीं, जबकि 7 सीधी थीं। लोग तो यहां तक कयास लगा रहे थे कि मकान में लगीं मुड़ी पाइपें मृत महिलाओं और सीधी पाइप पुरुषों से जुड़ी हैं। 

बताया जा रहा है कि बृहस्पतिवार को घर और दुकान का ताला खोला गया। इस दौरान वहां का माहौल गमगीन ही था। सुबह नौकर राम विलास ने ललित के प्लाईबोर्ड की दुकान ताला खोला और अपने काम धंधे में लग गया। 

ललित के बड़े भाई दिनेश की मानें तो घर में रहने से इलाके के लोगों के मन में अंधविश्वास दूर होगा। उन्हें इस घर में रात गुजारने में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं हुई। अब नौकर ही दुकान संभालेगा और इस दुकान से कई लोगों की रोजी-रोटी चलेगी। 

गौरतलब है कि बुराड़ी में जुलाई महीने में भाटिया परिवार के 11 सदस्यों की सामूहिक मौत आत्महत्या के कारण नहीं, बल्कि दुर्घटना से हुई थी। सीएफएसएल द्वारा सौंपी गई साइकलॉजिकल रिपोर्ट में इसका पर्दाफाश हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार धार्मिक अनुष्ठान के दौरान भाटिया परिवार के सभी सदस्य दुर्घटनावश मारे गए थे। तफ्तीश में यह भी सामने आ चुका है कि धार्मिक अनुष्ठान करने वालों ने आत्महत्या करने के इरादे से फांसी नहीं लगाई थी। उन्हें विश्वास था कि मरने बाद आत्मा बाहर जाएगी। बाद में सभी फिर से जिंदा हो जाएंगे।

इस संबंध में अपराध शाखा ने सीबीआइ की सेंट्रल फोरेंसिक साइंटिफिक लेबोरेटरी (सीएफएसएल) को साइकलॉजिकल ऑटोप्सी करने को कहा था। अधिकारी ने बताया है कि साइकलॉजिकल ऑटोप्सी में किसी व्यक्ति का मेडिकल रिकॉर्ड सहित जानकारों से पूछताछ कर मरने वाले की मन: स्थिति का विश्लेषण किया जाता है।

आत्महत्या नहीं, दुर्घटना के चलते हुई थी मौत
अध्ययन के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया कि यह घटना आत्महत्या की नहीं थी। अनुष्ठान के आयोजन के दौरान एक अचानक घटना थी। भाटिया परिवार के किसी भी सदस्य को जान देने का इरादा नहीं था। सीएफएसएल टीम के सदस्यों ने इस दौरान बुराड़ी स्थित घर से मिले रजिस्टरों में लिखी बातों के अलावा परिवार के सदस्यों और मित्रों से भी बात की थी।

सीएफएसएल ने परिवार के बड़े बेटे दिनेश उनकी बहन सुजाता सहित करीब 50 लोगों से पूछताछ कर रिपोर्ट बनाई है। हादसे में मारे गए ललित भी दिवंगत पिता की तरफ से निर्देश मिलने का दावा करता था। उसके कहने के अनुसार ही परिवार के सदस्य सारी कार्रवाई को अंजाम देते थे।

यहां पर बता दें कि दिल्ली में अब तक की सबसे बड़ी सनसनीखेज घटना में बुराड़ी स्थित एक घर में एक जुलाई की सुबह एक ही परिवार के 11 लोग संदिग्ध हालात में मृत पाए गए थे। मृतकों में सात महिलाएं व चार पुरुष थे, जिनमें दो नाबालिग थे। एक महिला का शव रोशनदान से तो नौ लोगों के शव छत से लगी लोहे की ग्रिल से चुन्नी व साड़ियों से लटके मिले। एक बुजुर्ग महिला का शव जमीन पर पड़ा मिला था। नौ लोगों के हाथ-पैर व मुंह बंधे हुए थे और आंखों पर रुई रखकर पट्टी बांधी गई थी।

बुराड़ी-संत नगर मेन रोड से सटे संत नगर की गली नंबर दो में बुजुर्ग महिला नारायण का मकान है। इसमें वह दो बेटों भुवनेश व ललित, उनकी पत्नियों, पोते-पोतियों व विधवा बेटी संग रहती थीं। ये लोग मूलरूप से राजस्थान के निवासी थे और 22 साल पहले यहां आकर बसे थे। बुजुर्ग महिला के तीसरे बेटे दिनेश सिविल कांटेक्टर हैं और राजस्थान के चित्ताैड़गढ़ में रहते हैं। बुजुर्ग महिला के दोनों बेटों की भूतल पर एक परचून व दूसरी प्लाईवुड की दुकान है। ऊपर पहली व दूसरी मंजिल पर परिवार रहता था।

रोज सुबह ललित घर के सामने रहने वाले दिल्ली पुलिस से सेवानिवृत्त तारा प्रसाद शर्मा के साथ मार्निंग वॉक पर जाते थे। उससे पहले शर्मा ललित की दुकान से दूध लेते थे। रविवार सुबह दुकान नहीं खुली तो शर्मा दरवाजा खटखटाने गए, पर दरवाजा खुला था तो वह ऊपर चले गए। ऊपर का दरवाजा भी खुला था। आगे जाने पर उनकी रूह कांप गई। बरामदे वाले हिस्से में दस लोगों के शव लटके थे, जबकि एक महिला का शव कमरे में पड़ा था।

इन 11 लोगों ने अनजाने-अनचाहे की थी आत्महत्या
बुराड़ी आत्महत्या मामले में 11 लोगों ने आत्महत्या की थी। मृतकों की पहचान नारायण देवी (77), उनकी बेटी प्रतिभा (57) और दो बेटे भावनेश (50) और ललित भाटिया (45) के रूप में हुई है। भावनेश की पत्नी सविता (48) और उनके तीन बच्चे मीनू (23), निधि (25) और ध्रुव (15), ललित भाटिया की पत्नी टीना (42) और उनका 15 वर्ष का बेटा शिवम , प्रतिभा की बेटी प्रियंका (33) भी मृत मिले थे। इनमें प्रियंका की पिछले महीने ही सगाई हुई थी और इस साल के अंत यानी दिसंबर में उसकी शादी होनी थी।

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