कोरोना के दौर में क्यों न खाएं बाहर का बना पिज्जा-बर्गर, बता रही हैं दिल्ली की जानी-मानी डॉक्टर
लोग लापरवाही भरा रवैया अपनाकर बाजार में बने जंक फूड खा रहे हैं जिसके चलते वह कोरोना संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। जंक फूड शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम करते हैं जिसके चलते लोग किसी भी बीमारी की चपेट में आसानी से आ जाते हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे देश भर में कोरोना वायरस संक्रमण का कहर जारी है। ऐसे में लोगों को खास सावधानी बरतने की जरूरत है। कोरोना के खतरे के मद्देनजर दिल्ली के लोकनायक अस्पताल की डॉक्टर वेदिका बाली ने बताया कि कोरोना संक्रमण के इस दौर में लोगों को बाहर के बने पिज्जा, पास्ता, बर्गर और नूडल्स बिल्कुल भी नहीं खाने चाहिए। पिछले दिनों देखने में आया है कि लोग लापरवाही भरा रवैया अपनाकर बाजार में बने जंक फूड खा रहे हैं, जिसके चलते वह कोरोना संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। जंक फूड शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम करते हैं, जिसके चलते लोग किसी भी बीमारी की चपेट में आसानी से आ जाते हैं। उन्होंने कहा कि खासकर युवाओं को पिज्जा, पास्ता और बर्गर के स्थान पर अधिक से अधिक ताजा व मौसमी फलों का सेवन करना चाहिए, जो उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं।
वेदिका बाली ने बताया कि लोगों को खानपान के साथ आदतों में भी सुधार करना होगा, जिसके चलते वह कोरोना संक्रमण से बच सकेंगे। घर के बच्चों और बुजुर्गों को बाहर जाने से बचना चाहिए। जरूरी काम होने की स्थिति में ही घर से बाहर निकलें। घर से बाहर जाने वाले लोगों को मास्क व सैनिटाइजर का अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए। किसी भी स्थिति में मास्क चेहरे से ना हटाएं। वहीं, घर लौटने पर मुख्य प्रवेश द्वार पर ही कपड़े, जूते व चप्पल उतारकर अंदर ले जाएं। उन्हें इन कपड़ों को अन्य कपड़ों के साथ नहीं धोना चाहिए।
वेदिका ने कहा कि बाहर से आने के बाद साबुन से नहाकर ही परिवार के अन्य सदस्यों के पास जाना चाहिए। इसके साथ ही बाहर से आए व्यक्ति को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे घर के छोटे बच्चे व गर्भवती महिला को छूने से बचें। इसके अलावा लोगों को हल्दी वाले दूध और खट्टे फलों के जूस का सेवन करना चाहिए।
दिल्ली के 2 बड़े कोविड अस्पतालों में 480 से ज्यादा मरीजों को दी गई प्लाज्मा थेरेपी
वहीं, दिल्ली के दो बड़े कोविड अस्पताल लोकनायक और राजीव गांधी में बीते कुछ महीनों में 480 से ज्यादा मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी दी गई है। इनमें 60 साल से अधिक उम्र के मरीजों की संख्या ज्यादा है। लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक सुरेश कुमार ने बताया कि बीते कुछ महीनों में 286 मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी दी गई है। यह थेरेपी गंभीर हालत वाले मरीजों को दी जा रही। उन्होंने आगे बताया कि अस्पताल में प्लाज्मा बैंक भी है। यहां से ठीक होकर गए मरीजों को प्लाज्मा दान करने के लिए प्रेरित किया जाता है। संक्रमण से ठीक हुए सभी लोगों को प्लाज्मा दान करना चाहिए। इससे वह किसी गंभीर मरीज की जान बचाने में सहायता कर सकते हैं।
वहीं राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. बीएल शेरवाल ने कहा कि बीते कुछ समय में 200 मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी दी गई है। उन्होंने कहा कि फिलहाल अस्पताल के आइसीयू में 90 मरीज भर्ती हैं। इनमें से पांच वेंटिलेटर पर हैं।
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