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आखिर क्यों नहीं हुई युवती से दुष्कर्म मामले में दाती महाराज की गिरफ्तारी

शिकायत में युवती ने कहा है कि करीब दो साल पहले दाती महाराज ने छतरपुर स्थित शनिधाम मंदिर के आश्रम में उनके साथ पहली बार दुष्कर्म किया था।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 27 Jun 2018 12:18 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jun 2018 03:50 PM (IST)
आखिर क्यों नहीं हुई युवती से दुष्कर्म मामले में दाती महाराज की गिरफ्तारी
आखिर क्यों नहीं हुई युवती से दुष्कर्म मामले में दाती महाराज की गिरफ्तारी

नई दिल्ली (राकेश कुमार सिंह)। 25 वर्षीय युवती से दुष्कर्म के आरोप में घिरे दाती महाराज की मश्किलें बढ़ती जा रही हैं।हालांकि, उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है। मंगलवार को दिल्ली की कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सवाल उठाया कि अभी तक दाती महाराज को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया?, जबकि सर्च वारंट तक जारी हो चुके हैं। कोर्ट ने डीसीपी को निर्देश दिया कि वे जांच की निगरानी करें। हर सप्ताह स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें। अगली सुनवाई तीन जुलाई को होगी।

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अब तक दाती महाराज के खिलाफ नहीं मिला ठोस सबूत
वहीं, दिल्ली में छतरपुर स्थित शनिधाम मंदिर के संस्थापक दाती महाराज (मदन लाल) व उसके तीन सौतेले भाइयों को क्राइम ब्रांच तभी गिरफ्तार करेगी जब उनके खिलाफ सबूत मिल जाएंगे। उन पर राजस्थान निवासी युवती (25) ने दुष्कर्म का आरोप लगाया है। क्राइम ब्रांच के संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार के मुताबिक दुष्कर्म पीड़ित युवती के बयान के आधार पर टीम ने दिल्ली के छतरपुर स्थित दाती महाराज के आश्रम व राजस्थान के पाली स्थित आश्रम में गत दिनों घंटों तलाशी ली थी, लेकिन ऐसा कोई ठोस सुबूत नहीं मिला, जिससे वहां दुष्कर्म किए जाने की पुष्टि हो सके।

सबूत मिलने पर होगी गिरफ्तारीः दिल्ली पुलिस
पुलिस अधिकारी का कहना है कि युवती ने दो साल बाद मुकदमा दर्ज कराया है। उनका मेडिकल तो करा दिया गया, लेकिन समय अधिक हो जाने के कारण मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि होना मुश्किल है। सबूत के तौर पर अब तक क्राइम ब्रांच के पास युवती का कोर्ट में मजिस्ट्रेट के समक्ष दिया गया धारा 164 का बयान है। केवल उक्त बयान को सुबूत मानकर दाती व उसके तीनों भाइयों को गिरफ्तार करना क्राइम ब्रांच के लिए आगे कोर्ट में मुसीबत बन सकता है। सबूत मिलने पर चारों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। सबूत नहीं मिलने पर बिना गिरफ्तार किए कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल की जाएगी। इसके बाद कोर्ट के निर्देश के अनुसार पुलिस कोई भी कदम उठाएगी।

चरण वंदना के नाम पर हुई थी हवस का शिकार
पुलिस अधिकारी के मुताबिक जांच में यह बात सामने आई है कि 9 जनवरी 2016 को पाली स्थित दाती के आश्रम से करीब 45 युवतियों को चरण वंदना (पैर दबाने) के लिए दिल्ली बुलाया गया था। इनमें पीड़िता भी शामिल थी। युवती का आरोप है कि उसी रात दाती और उसके सौतेले भाइयों अनिल, अशोक व अर्जुन ने पहली बार उसके साथ दुष्कर्म किया था। इसके बाद 26, 27 व 28 मार्च 2016 को पाली स्थित आश्रम में दाती व उसके तीनों भाइयों ने फिर दुष्कर्म किया था। अब 9 जनवरी 2016 को पीड़ित युवती के साथ पाली से आईं अन्य 44 युवतियों से भी क्राइम ब्रांच पूछताछ करेगी।

दाती व उससे जुड़े व्यवसायियों से हुई पूछताछ
मंगलवार को दाती समेत उससे काफी समय तक जुड़े रहे व्यवसायी सचिन जैन, शक्ति अग्रवाल व नवीन गुप्ता से क्राइम ब्रांच ने चाणक्यपुरी स्थित अपने कार्यालय में कई घंटे तक पूछताछ की। उनसे पहले भी दो बार पूछताछ की जा चुकी है। दाती के तीनों भाइयों से भी तीन बार पूछताछ की जा चुकी है। सचिन, शक्ति व नवीन से इसलिए पूछताछ की जा रही है, क्योंकि दाती महाराज ने आरोप लगाया है कि 32 करोड़ रुपये के लेनदेन के झगड़े के कारण इन लोगों ने युवती के साथ साजिश रचकर उसे बदनाम करने के लिए झूठा फंसाया है।

दाती के खिलाफ जारी है सर्कुलर नोटिस
तीनों व्यवसायियों ने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि उन्होंने 32 करोड़ रुपये दाती महाराज के कहने पर अभिषेक अग्रवाल को चंदा के रूप में दिए थे। दाती को उक्त रकम नहीं मिली। इसपर पिछले महीने उनके एक परिचित ने अभिषेक अग्रवाल के खिलाफ क्राइम ब्रांच में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। करीब सात दिन जेल में रहने के बाद अभिषेक जमानत पर बाहर आ गया था। पुलिस अधिकारी का कहना है कि केस बहुत ही पेचीदा है, इसलिए जांच लंबी चलेगी। दाती विदेश न भाग जाए इसके लिए क्राइम ब्रांच ने उसके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी करा दिया है।

यह है मामला
पीड़ित युवती राजस्थान में परिवार के साथ रहती है। उनके परिजनों ने करीब 10 साल पहले पढ़ाई के लिए उन्हें दाती के पाली स्थित बालाग्राम गुरुकुल आश्रम में भेजा था। बाद में उन्हें छतरपुर स्थित आश्रम में भेज दिया गया। शिकायत में युवती ने कहा है कि करीब दो साल पहले दाती महाराज ने छतरपुर स्थित शनिधाम मंदिर के आश्रम में उनके साथ पहली बार दुष्कर्म किया था। बाद में उसके तीन भाइयों ने भी आश्रम में कई बार दुष्कर्म किया। धमकी के डर से उन्होंने दो साल तक किसी को आपबीती नहीं बताई। बाद में परिजनों को आपबीती बताने पर और उनके कहने पर 10 जून को फतेहपुरबेरी थाने में मुकदमा दर्ज कराया। अगले दिन मामला क्राइम ब्रांच में ट्रांसफर कर दिया गया था।

वहीं, साकेत कोर्ट ने दाती महाराज के खिलाफ दुष्कर्म के मामले की जांच को गंभीरता से लिया है। अदालत ने कहा कि जांच अधिकारी यह बताने में नाकाम रहे कि आरोपित छानबीन के दौरान फरार न हो जाए इसके लिए क्या कदम उठाए गए हैं। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (सीएमएम) पूजा तलवार ने पुलिस उपायुक्त (क्राइम ब्रांच) को जांच की निगरानी करने और यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि इस मामले में अदालत में हर हफ्ते स्टेटस रिपोर्ट दायर की जाए। कोर्ट ने सोमवार को एक अन्य मजिस्ट्रेट के समक्ष पुलिस की ओर से दाखिल स्टेटस रिपोर्ट का भी अध्ययन किया।

सीएमएम ने कहा कि जो स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की गई है, उसका अध्ययन किया जा रहा है। जांच अधिकारी ने कहा कि आरोपित दाती महाराज को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। नोटिस भेजे जाने पर वह पेश होता है। जब यह पूछा गया कि जिन दो पतों के लिए तलाशी वारंट जारी किए गए थे, क्या वहां तलाशी के दौरान वह मिला, इस पर नकारात्मक जवाब दिया गया। अदालत ने कहा कि जांच अधिकारी यह बता पाने में नाकाम रहे कि आरोपित की मौजूदगी और जांच के दौरान वह नहीं भागे, यह सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए गए। अदालत ने पुलिस को जांच में तेजी लाने के निर्देश दिए और मामले की सुनवाई की अगली तारीख तीन जुलाई तय की। 


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