जेवर एयरपोर्ट रद हुआ तो खुल सकती है अलवर की किस्मत, तैयार है राजस्थान
जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर संकट बना हुआ है। इस अवसर का फायदा उठाने के लिए राजस्थान तैयार है। राजस्थान के अलवर जिले में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के लिए तैयारी भी शुरू हो चुकी हैं।
नोएडा [जेएनएन]। जेवर एयरपोर्ट पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं। किसानों से जमीन अधिग्रहण पर सहमति नहीं बनी तो जेवर एयरपोर्ट परियोजना राजस्थान के भिवाड़ी जा सकती है। केंद्र के इशारे पर अलवर के जिला प्रशासन ने इस दिशा में तैयारी भी शुरू कर दी है। अगले माह जमीन अधिग्रहण व एयरपोर्ट के ग्रामीणों पर प्रभाव को लेकर एक बैठक होगी। इसमें सभी 14 गांव के लोगों को बुलाया गया है।
जमीन अधिग्रहण पर फंसा है पेंच
जेवर एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण पर किसानों की सहमति लेने के लिए प्रशासन व यमुना प्राधिकरण जुटा हुआ है। हालांकि कई किसान जमीन अधिग्रहण के लिए सहमति दे चुके हैं। लेकिन अभी भी उनकी संख्या काफी कम है। जेवर एयरपोर्ट के पहले चरण के लिए 1334 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होना है। करीब तीन सौ हेक्टेयर जमीन के लिए किसानों से सीधे यमुना प्राधिकरण को लिखित सहमति दे दी है।
फायदा उठाने के लिए तैयार है राजस्थान
प्रशासन को भी जमीन के लिए किसान सहमति पत्र सौंप चुके हैं। इसके बावजूद कई किसान अभी भी जमीन अधिग्रहण को लेकर सहमति देने को तैयार नहीं है। इससे जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर छाया संकट बना हुआ है। इस अवसर का फायदा उठाने के लिए राजस्थान तैयार है। राजस्थान के अलवर जिले में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के लिए तैयारी भी शुरू हो चुकी हैं।
प्रस्तावित है कार्गो एयरपोर्ट
अलवर के भिवाड़ी, नीम राणा आदि में 11 औद्योगिक क्षेत्र हैं। डीएमआइसी का इंडस्ट्रियल हब भी यहां विकसित हो रहा है। इसमें जापान भी बड़े पैमाने पर निवेश कर रहा है। अलवर में पहले से कार्गो एयरपोर्ट प्रस्तावित है। जेवर में जमीन अधिग्रहण पर किसानों की हीलाहवाली के बाद अलवर में कार्गो के साथ ग्रीन फील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट की मांग भी जोर पकड़ गई है। इसके लिए केंद्र से भी इशारा हो चुका है।
अलवर जिला प्रशासन ने बढ़ाए कदम
केंद्र ने जेवर एयरपोर्ट की जमीन अधिग्रहण का पेंच हल करने के लिए प्रदेश सरकार को पंद्रह दिनों का वक्त दिया है। अगर सरकार इसमें असफल होती है तो केंद्र जेवर एयरपोर्ट परियोजना को रद कर देगा। इसके बाद अलवर में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनाया जा सकता है। अलवर जिला प्रशासन ने इस दिशा में कदम भी बढ़ा दिए हैं।
क्षेत्र के विकास को लगेगा धक्का
कोट कासिम व तिजारा तहसील के 14 गांवों को इसके लिए चिन्हित किया गया है। इन गांवों की जन सुनवाई के लिए 12 सितंबर की तिथि निर्धारित की गई है। केंद्र के अधिकारी भी इस सुनवाई के दौरान वहां मौजूद होंगे। एयरपोर्ट की वजह से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव की जानकारी ली जाएगी। अगर जेवर एयरपोर्ट परियोजना रद होती है तो इससे क्षेत्र के विकास को जबरदस्त धक्का लगेगा।
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