दिल्ली में सर्दियों के दौरान नहीं लागू होगी हेल्थ इमरजेंसी, 4 राज्यों को EPCA ने लिखा खत
उम्मीद की जा रही है कि इस बार ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के क्रियान्वयन में दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न सरकारी विभागों और एजेंसियों के बीच तालमेल की कमी नहीं दिखाई देगी।
नई दिल्ली (संजीव गुप्ता)। सर्दियों के दौरान दो साल से स्मॉग चैंबर बनती आ रही दिल्ली में इस बार हेल्थ इमरजेंसी लागू न हो, इसके लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने एनसीआर के सभी सदस्य राज्यों दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा व राजस्थान के मुख्य सचिवों को इस आशय का पत्र भी जारी कर दिया है।
उम्मीद की जा रही है कि इस बार ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के क्रियान्वयन में दिल्ली और एनसीआर के विभिन्न सरकारी विभागों और एजेंसियों के बीच तालमेल की कमी नहीं दिखाई देगी। जानकारी के मुताबिक, 15 अक्टूबर से दिल्ली एनसीआर में ग्रेप लागू हो जाएगा। ईपीसीए के अनुसार, इस बार इसके क्रियान्वयन में पिछले वर्ष जैसी खामियां नहीं रहेंगी।
प्रदूषण के अधिक होते ही तमाम विभाग एवं एजेंसियां अपने आप एहतियातन कदम उठाना शुरू कर देंगी। इसके लिए सभी को पहले से ही नोडल अधिकारी नियुक्त करने और टीमों का गठन करने की हिदायतें जारी कर दी गई हैं। ईपीसीए के मुताबिक, पिछली बार ग्रेप पर काम तो हुआ, लेकिन उतना अच्छा और आसान नहीं रहा। पार्किंग फीस चार गुना करने, ट्रकों का प्रवेश रोकने, कूड़ा जलाने पर शिकायत करने, ऑड-इवेन लागू करने, स्कूलों को बंद करने या स्कूलों में बाहरी गतिविधियां बंद करने, सार्वजनिक परिवहन की संख्या बढ़ाने में काफी दिक्कतें पेश आईं।
यही वजह है कि इस बार इन सबके लिए सभी राज्यों को एक सितंबर तक तैयारी पूरी कर लेने को कहा गया है। इसके लिए चारों राज्यों और एनसीआर में शामिल सभी जिलों से पूरा एक्शन प्लान भी मांगा गया है। इस एक्शन प्लान में उनसे पूछा गया है कि अगर स्कूलों को बंद करने या बाहरी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की नौबत आती है तो स्कूलों तक इस सूचना को शीघ्र कैसे पहुंचाया जाएगा, सार्वजनिक परिवहन को बेहतर करने के लिए अतिरिक्त बसें कहां से लाई जाएंगी, मेट्रो कितनी चक्कर बढ़ा सकती है, ऑड-इवेन को लेकर दिल्ली और एनसीआर में क्या कुछ तैयारियां हैं इत्यादि। गौरतलब है कि पिछले साल प्रदूषण के खतरनाक स्तर पहुंचने के बावजूद दिल्ली एनसीआर में ऑड-इवेन लागू नहीं हो पाया था।
भूरेलाल (चेयरमैन, ईपीसीए) का कहना है कि ग्रेप को लेकर सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिख दिए गए हैं। इस बार पिछली बार जैसी खामियां नजर नहीं आएगी। सभी राज्यों को एनसीआर के शहरों में ग्रेप के कदम सख्ती से उठाने होंगे। इसके लिए सभी को प्लान बनाने को कहा गया है ताकि उस पर अगस्त तक समीक्षा बैठक की जा सके।
उमस में बीता सप्ताहांत, पसीने से लोग हुए बेहाल
सप्ताहांत पर उमस ने दिल्लीवासियों को काफी परेशान किया। तापमान भले सामान्य रहा लेकिन उमस की वजह के कारण लोग पसीने में तरबतर होते रहे। उमस से अभी राहत मिलने के आसार नहीं हैं। मौसम विभाग के अनुसार, इस सप्ताह दिल्ली में हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश की संभावना है। इसके चलते उमस अधिक रहेगी।
रविवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान 35.4 डिग्री सेल्सियस रहा। न्यूनतम तापमान भी 27.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हवा में नमी का स्तर बढ़कर 65 से 89 फीसद तक दर्ज हुआ। पालम सबसे अधिक गर्म रहा जहां तापमान 36.2 डिग्री सेल्सियस रहा। सोमवार को हल्की बारिश की संभावना बनी हुई है। तापमान 35 और 27 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। अब तक दिल्ली में मानसून सामान्य रहा है। दिल्ली में 15 जुलाई तक इस बार 127.9 एमएम बारिश हुई है। पिछले साल इस दौरान 84 एमएम बारिश हुई थी।