NH-9 पर सफर करने वालों के लिए खुशखबरी, 70 kmph की रफ्तार पर नहीं होगा चालान
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के इस निर्णय से ओवर स्पीड के उल्लघंन में काटे गए 1.5 लाख चालान नहीं वसूलने का फैसला किया है। इससे हजारों की संख्या में वाहन चालकों बड़ी राहत मिलेगी।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। एनएच-9 (नेशनल हाइवे-9) (पूर्व में एनएच-24) पर मिलेनियम पार्क से गाजीपुर बॉर्डर के बीच 60 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार पार करने पर किए गए करीब डेढ़ लाख चालान दिल्ली यातायात पुलिस ने वापस ले लिए हैं। वहीं मिलेनियम पार्क से गाजीपुर बॉर्डर के बीच कारों की गति सीमा को बढ़ाकर 70 किलोमीटर प्रतिघंटा कर दिया गया है। हालांकि भारी वाहनों के लिए गति सीमा 40 किलोमीटर प्रतिघंटा ही रहेगी। यातायात पुलिस के इस फैसले से जहां दो विभागों की लड़ाई थमी है, वहीं लाखों वाहन चालकों को भी राहत मिली है। जो डेढ़ लाख चालान वापस किए जाएंगे, वे करीब ढाई माह (अगस्त से 10 अक्टूबर तक) के बीच काटे गए हैं।
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक, वापस लिए जाने वाले ये चालान एनएच-9 पर निजामुद्दीन पुल से गाजीपुर स्थित दिल्ली यूपी (गाजियाबाद) बॉर्डर के बीच काटे गए हैं। दरअसल तय की गई स्पीड से ऊपर यानी 60 किमी प्रति घंटा की गति से ऊपर जो वाहन हाई-वे पर लगे कैमरों ने पकड़े, उन सबको ई-चालान भेजे जा रहे थे। बाद में शिकायतें आनी शुरू हुईं कि हाईवे पर पीडब्ल्यूडी विभाग ने निर्धारित गति सीमा 70 किलोमीटर प्रति घंटा के साइन बोर्ड लगा रखे हैं। जबकि जो चालान लोगों को मिले हैं, उसमें गति सीमा 70 से कम है। लोगों को जो चालान मिले, उसमें उनके वाहन की गति 60 किलोमीटर से अधिक थी। यातायात पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुलिस काफी समय से पीडब्ल्यूडी से गति सीमा के साइन बोर्ड बदलने को कह रही थी। अधिकतम 70 किमी प्रतिघंटा की गति सीमा के साइन बोर्ड बदलकर, निर्धारित गति सीमा 60 किमी प्रति घंटा कर दें। काफी प्रयास के बाद भी जब साइन बोर्ड नहीं बदले गए तो लगातार मिल रही शिकायत और वाहन चालकों की परेशानी देखते हुए दिल्ली यातायात पुलिस ने करीब डेढ़ लाख चालान वापस लेने की योजना बनाई। पुलिस के उन कैमरों में भी गति सीमा के उल्लंघन के मानकों को बदलकर 70 किमी प्रतिघंटा कर दिया है।
मामले को हाई कोर्ट ले जाने की थी तैयारी
यातायात पुलिस ने अचानक डेढ़ लाख चालान वापस लेने का फैसला ऐसे ही नहीं लिया है। दिल्ली यातायात पुलिस के पास कई लोग यह कह चुके थे कि चालान वापस न लिए जाने पर कोर्ट की शरण में जाएंगे। ऐसे में यह मुद्दा कुछ वाहन चालकों द्वारा जनहित याचिका के रूप में हाईकोर्ट में पहुंचाने की तैयारी थी। जब यातायात पुलिस को कानूनी रूप से खुद की गर्दन फंसती नजर आई तो आनन-फानन में डेढ़ लाख चालान वापस लेने का फैसला ले लिया गया। वहीं अगर दिल्ली पुलिस के प्रस्ताव पर पीडब्ल्यूडी ने बोर्ड पर गति सीमा बदल दी होती तो वाहन चालक को इन चालान का भुगतान हर हाल में करना पड़ता।
चालान भरने वालों को पैसा मिलेगा, तय नहीं
इस बात का जवाब अभी किसी भी यातायात पुलिस के अधिकारियों के पास नहीं है कि जो लोग गति सीमा के उल्लंघन का चालान भुगत चुके हैं, उन्हें धनराशि वापस मिलेगी या नहीं। बहुत से वाहन चालक ऑनलाइन चालान की रकम जमा कर चुके हैं। लाल बत्ती जंप करने और गति सीमा का उल्लंघन करने वालों के चालान के लिए दिल्ली यातायात पुलिस ने हाल ही में करीब 24 स्थानों पर कैमरे लगाए हैं। ये कैमरे जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, आइएसबीटी, नेल्सन मंडेला मार्ग, अगस्त क्रांति मार्ग, भलस्वा-वजीराबाद रोड, डीएनडी और जीटी करनाल रोड पर लगाए गए हैं।
गौरतलह है कि एक सितंबर, 2019 को दिल्ली समेत ज्यादातर राज्यों में नया मोटर व्हीकल अधिनियम (New Vehicle Act 201) लागू किया गया था। इसके बाद दिल्ली ट्रैफिस पुलिस ने सख्ती बरतते हुए नियमों के उल्लंघन पर चालान काटने शुरू किए थे।
नेशनल हाई-वे के प्रथम चरण का उद्घाटन पीएम मोदी एक साल पहले ही कर चुके हैं, ऐसे में दिल्ली से अक्षरधाम होते हुए मेरठ और हापुड़ की और जाने वाले वाहन चालक तेजी से फर्राटा भरते हुए चलते हैं।
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