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Kisan Andolan: जानिए किसानों के धरना स्थल के पास से दिल्ली की सीमा में रातोंरात क्यों हटा दिए गए सारे बैरिकेड, पढ़िए पूरी खबर

18 अप्रैल को रात 11 बजे के बाद दिल्ली पुलिस की टीम क्रेन लेकर यहां पहुंची। किसानों में पुलिस की टीम और क्रेन पहुंचने से थोड़ा भय का माहौल बना। उसके बाद क्रेन की मदद से बैरिकेड हटाने शुरू किए गए। बैरिकेड को हटाकर किनारे कर दिया गया।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Tue, 20 Apr 2021 05:07 PM (IST)Updated: Tue, 20 Apr 2021 05:15 PM (IST)
Kisan Andolan: जानिए किसानों के धरना स्थल के पास से दिल्ली की सीमा में रातोंरात क्यों हटा दिए गए सारे बैरिकेड, पढ़िए पूरी खबर
दिल्ली पुलिस ने यूपी गेट पर चार माह से लगे बेरिकेड को रातभर में क्यों हटा दिया।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। यूपी गेट पर कृषि कानून के विरोध में किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है। वो बीते साल नवंबर माह से यहां बैठे हुए हैं। किसान नेता कह चुके हैं कि जब तक सरकार तीन कृषि कानून खत्म नहीं करेगी तब तक वो यहां से नहीं हटेंगे। धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा। किसानों का आंदोलन शुरू हुआ उसके बाद 26 जनवरी को दिल्ली में जो उपद्रव हुआ, वो किसी से छिपा नहीं है। इसके बाद किसानों का आंदोलन थोड़ा ढीला पड़ा।

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दिल्ली पुलिस ने लगाए बैरिकेड

दिल्ली पुलिस ने किसानों के उस रूख को देखते हुए सीमाओं पर अपनी सख्ती और बढ़ा दी। यहां इतने बैरिकेड और लोहे के कटीले तार लगा दिए गए, जैसे किसी दुश्मन देश की सीमा पर इंतजाम किया गया हो। खैर सुरक्षा के इंतजाम सख्त किए जाने की वजह से किसान नेताओं और समर्थकों में थोड़ा भय का माहौल बना। उन्होंने वहां से आगे बढ़कर दिल्ली जाने का हर प्लान टाल दिया। अब वो अपने धरना स्थल पर बैठकर ही अपनी मांगों को माने जाने की अपील कर रहे हैं।

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दिल्ली पुलिस ने रात 11 बजे पहुंचकर हटाया बैरिकेड

दरअसल दो दिन पहले 18 अप्रैल को रात 11 बजे के बाद दिल्ली पुलिस की टीम क्रेन लेकर यहां पहुंची। किसानों में पुलिस की टीम और क्रेन पहुंचने से थोड़ा भय का माहौल बना। उसके बाद क्रेन की मदद से यहां लगाए गए बैरिकेड हटाने शुरू किए गए। दो से तीन घंटे के अंदर बैरिकेड को हटाकर किनारे कर दिया गया। सुबह रास्ते को क्लीन कर दिया गया। अगले दिन सुबह यहां से वाहन चालक गुजरने लगे।

स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए अधिकारी

रात में बैरिकेड क्यों हटाए गए, इसको लेकर तमाम तरह के सवाल उठ रहे थे मगर न तो दिल्ली पुलिस न ही यूपी पुलिस ने इस बारे में कुछ क्लीयर किया। अब ये बात साफ हो गई है। आपको याद होगा एनएच-9 को जाम किए जाने के मामले में नोएडा निवासी मोनिका अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में केस फाइल किया है। उस पर सुनवाई हो रही है। इसी मामले में सोमवार को सुनवाई होनी थी। इस वजह से दिल्ली पुलिस की टीम ने रात में ही यहां सफाई अभियान चला दिया। इस बात का डर था कि कहीं कोर्ट पुलिस को लताड़ न लगा दें, इससे बचने के लिए ये किया गया। इसका कारण पूछने पर अधिकारियों ने अलग ही जवाब दिया। बताया गया कि यूपी पुलिस से इसके बारे में बात की गई है फिर ये बेरिकेड हटाए जा रहे हैं। जबकि इसके पीछे कारण सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई ही थी।

पीठ ने कहा- रास्ता रोकने की प्रवृत्ति ठीक नहीं

इस मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस संजय किशन कौल और हेमंत गुप्ता की पीठ ने कहा कि किसान अपनी जगह ठीक हो सकते हैं, लेकिन रास्ता रोकने की प्रवृत्ति ठीक नहीं है। सीएए के खिलाफ आंदोलन, नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन जैसे मामलों में सड़क जाम ने जहां लोगों की दुश्वारियां काफी बढ़ा दीं हैं। पीठ ने यहां तक कह दिया कि अगर आप प्रदर्शन स्थल पर गांव बसाना चाहते हैं तो बसाएं, लेकिन दूसरों की जिंदगी बाधित न करें।

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सात मई को अगली सुनवाई

सोमवार को मामले पर सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। मेहता ने कोर्ट से कहा कि मुद्दे का हल निकालने पर काम हो रहा है। कोर्ट थोड़ा समय दे और मामले की सुनवाई दो सप्ताह के लिए टाल दे। पीठ ने अनुरोध स्वीकार करते हुए सुनवाई सात मई तक के लिए टाल दी। अब उम्मीद है कि इस बीच यूपी पुलिस भी रास्ता क्लीयर कराने के लिए काम कर लेगी।

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