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'अंगूठे' की तलाश में दिल्ली-हरियाणा समेत कई राज्यों में छापेमारी, पढ़िये हैरान करने वाला मामला

एक अभ्यर्थी से पूछताछ में पता चला है कि अंगूठे का क्लोन तैयार करने वाला पूरा सॉल्वर गैंग सक्रिय है। अंगूठे के और भी क्लोन बनाए जाने की आशंका है।

By JP YadavEdited By: Published: Sun, 01 Jul 2018 03:34 PM (IST)Updated: Sun, 01 Jul 2018 03:34 PM (IST)
'अंगूठे' की तलाश में दिल्ली-हरियाणा समेत कई राज्यों में छापेमारी, पढ़िये हैरान करने वाला मामला
'अंगूठे' की तलाश में दिल्ली-हरियाणा समेत कई राज्यों में छापेमारी, पढ़िये हैरान करने वाला मामला

नई दिल्ली/बरेली (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश में दरोगा भर्ती में अंगूठे के क्लोन से गड़बड़ी की जांच का दायरा बढ़ता ही जा रहा है। पुलिस सॉल्वर गैंग की तलाश में शिद्दत से जुटी हुई है। इसके तहत दिल्ली, बागपत, हरियाणा व अन्य जगहों पर छापेमारी की जा रही है।

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अंगूठे के क्लोन से दारोगा भर्ती में सेंधमारी

सरकारी स्तर से जितना दिमाग भर्ती में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए लगाया जा रहा है, सेंधमारी करने वाले उससे कहीं आगे की सोच रहे हैं। दारोगा भर्ती परीक्षा में अंगूठे के क्लोन के साथ अभ्यर्थी का पकड़ा जाना, इस बात का सबूत है।

पुलिस को सॉल्वर गैंग की तलाश

पकड़े गए अभ्यर्थी से पूछताछ में पता चला है कि अंगूठे का क्लोन तैयार करने वाला पूरा सॉल्वर गैंग सक्रिय है। अंगूठे के और भी क्लोन बनाए जाने की आशंका जताई गई है, इसलिए जांच शुरू कर सॉल्वर गैंग की तलाश में दिल्ली, बागपत, हरियाणा व अन्य जगहों पर छापेमारी की जा रही है।

बता दें कि बरेली में नकली अंगूठे का यह पहला मामला है। इससे लखनऊ तक खलबली मची है। इसबीच रोकथाम को कुछ नए बैरियर लगाने की रणनीति पर काम हो रहा है। बागपत के दोघट गैडवरा निवासी तरुण कुमार ने दारोगा भर्ती के लिए आवेदन किया था। तैयारी के लिए उसने बागपत में ही कोचिंग ज्वाइन की। जहां उसकी मुलाकात बसंत राठी नाम के युवक से हुई। दोस्ती होने पर बसंत ने उसे एक सॉल्वर से परीक्षा पास कराने की बात कही। 16 लाख में सौदा तय हुआ। दस लाख एडवांस और छह लाख रुपये परीक्षा होने के बाद दिए थे।

बसंत ने सॉल्वर सचिन निवासी एमआर हुंडई शाहदरा दिल्ली से तरुण की मुलाकात कराई। सचिन सॉल्वर गैंग का सक्रिय सदस्य है। सचिन और उसके बीच महज दो बार मुलाकात हुई। पहली मुलाकात 16 दिसंबर को हुई जिस दिन भर्ती परीक्षा थी। इसके बाद 27 जून को दूसरी मुलाकात दिल्ली में हुई। जहां सचिन ने अपने अंगूठे का क्लोन बनाकर उसे दिया। प्लास्टिक का अंगूठा लेकर तरुण बरेली दारोगा भर्ती में पहुंचा। जहां बॉयोमीटिक प्रक्रिया के दौरान पकड़ा गया। पुलिस मुकदमा दर्ज करके तरुण को जेल भेज चुकी है। बरेली में बोर्ड के सदस्यों ने एक संयुक्त रिपोर्ट बनाकर डीजी भर्ती को भेजी है। उसमें पूरी जानकारी है।  

ऐसे पकड़ में आया फर्जीवाड़ा

तरुण दो दिन पहले पुलिस लाइन में दारोगा भर्ती का फिजिकल टेस्ट देने आया था। इस दौरान पंच करते समय अंगूठे का क्लोन बॉयोमीटिक मशीन में चिपक गया। इससे अंगूठे के ऊपर चढ़े क्लोन की प्लास्टिक आगे-पीछे खिसक गई। लाइन में तरुण के पीछे खड़े अभ्यर्थी ने यह देखा तो हैरान रह गया। उसने खामोशी से भर्ती बोर्ड के सदस्यों को इसके बारे में बताया। इसके बाद बोर्ड के सदस्यों ने उसके पास से अंगूठे का क्लोन बरामद कर फर्जीवाड़े से पर्दा उठा दिया।


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